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अग्रिम करों के लिए 1.16 लाख करोड़ रुपये का भुगतान होने के बाद महीने के आखिर में जीएसटी भुगतान चुकाने के लिए अब पर्याप्त नकदी को लेकर दबाव बन गया है। बैंकरों का कहना है कि पहली तिमाही (वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही) में उधारी वितरण में तेजी के आने से फंड की जरूरत बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में RBI को अधिक नकदी डालने की स्थितियां बन रही हैं।
इंडिया रेटिंग ऐंड रिसर्च के कोर एनॉलिटिक्ल ग्रुप के निदेशक सोम्यजीत नियोगी ने बताया कि 2000 रुपये के नोट वापस लेने के फैसले के कारण बीते महीने की तुलना इस महीने (जून, 2023) में नकदी अधिक आई। भारतीय रिजर्व बैंक ने मनी मार्केट आपरेशंस के जरिये 1.58 लाख करोड़ रुपये की नकदी गुरुवार को सोख ली। यह अतिरिक्त नकदी का यह स्तर व्यवस्था के लिए करीब करीब पर्याप्त है।
नियोगी ने बताया कि धन पर ब्याज दरें बढ़ी हैं। इससे नकदी की मांग बढ़ गई है। जीएसटी राजस्व संग्रह मई 2023 को 1,57 लाख करोड़ रुपये हो गया।
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क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि भारित औसत कॉल दरें 13 जून के 6.4 फीसदी से बढ़कर 16 जून को 6.65 फीसदी हो गई जो बैंकों में अलग-अलग नकदी की स्थित को दर्शाती है। मुद्रा बाजार के डीलरों का कहना है कि यही स्तर पर आने वाले समय में रहने की उम्मीद है।