ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज ने निवेशकों से राय मांगी है कि क्या भारत के सरकारी बॉन्ड्स को उसके फ्लैगशिप ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में शामिल किया जाना चाहिए। इस बारे में कंपनी ने निवेशकों को नोटिस भेजा है। ब्लूमबर्ग ने जनवरी 2025 में भारत को अपने इमर्जिंग मार्केट लोकल करेंसी बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया था। अब कंपनी यह जानना चाहती है कि निवेशकों का भारत में अनुभव कैसा रहा है और क्या भारतीय सरकारी बॉन्ड्स को ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। यह इंडेक्स ज्यादा बड़े निवेशकों और फंड्स को आकर्षित करता है।
भारत के पास अभी 41 सिक्योरिटीज हैं जिन्हें फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) के तहत रखा गया है। इन पर विदेशी निवेश की कोई सीमा नहीं है। इनकी मौजूदा मार्केट वैल्यू लगभग 502 अरब डॉलर है। अगर इन सभी सिक्योरिटीज को ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो भारत का वेटेज 0.7% होगा और इस आधार पर भारत इंडेक्स में नौवां सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
ब्लूमबर्ग ने कहा कि भारतीय बॉन्ड्स को इंडेक्स में शामिल करने का फैसला निवेशकों की राय पर होगा। इससे पहले जेपी मॉर्गन ने जून 2024 से भारत के सरकारी बॉन्ड्स को अपने इंडेक्स में जगह दी थी। इसके बाद एफटीएसई रसेल और ब्लूमबर्ग ने भी भारत को अपने इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया। भारतीय बॉन्ड्स में इस साल अब तक 874 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया है। वहीं 2024 में भारत को 13.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)