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RBI के नए नियम के बाद PhonePe, Paytm ने रेंट पेमेंट सर्विस बंद की, मकान मालिकों के लिए अब KYC जरूरी

RBI के नए नियमों के बाद PhonePe, Paytm और Cred ने क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट सुविधा बंद की, जिससे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से रेंट पेमेंट करना प्रभावित होगा

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अमित कुमार   
Last Updated- September 18, 2025 | 3:08 PM IST

फिनटेक दिग्गज PhonePe, Paytm और Cred ने रेंट पेमेंट की सर्विस बंद कर दी हैं। यह फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पेमेंट एग्रीगेटर्स (PAs) के लिए नए नियमों के बाद लिया गया है। RBI ने सोमवार को जारी मास्टर डायरेक्शन में कहा था, “पेमेंट एग्रीगेटर केवल उसी मर्चेंट के लिए फंड इकट्ठा कर सकता है, जिसके साथ उसका कॉन्ट्रैक्ट हो। PA का बिजनेस मार्केटप्लेस जैसा नहीं हो सकता।”

अब फिनटेक कंपनियां उन मकान मालिकों को पेमेंट नहीं भेज सकतीं, जो पूर्ण KYC के साथ मर्चेंट के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं हैं। यह नियम क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले पीयर-टू-पीयर ट्रांसफर को मर्चेंट पेमेंट के रूप में छिपाने से रोकने के लिए बनाया गया है।

रेंट पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करने का चलन फिनटेक कंपनियों के लिए तेजी से बढ़ रहा था। यूजर्स इन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे थे ताकि:

  • कैशबैक या रिवॉर्ड पॉइंट्स कमा सकें।
  • रेंट को EMI में बदलकर कैश फ्लो मैनेज कर सकें।

लेकिन नए नियमों के तहत, फंड्स केवल उन मर्चेंट्स के बैंक खातों में ट्रांसफर हो सकते हैं, जिनका पूरी तरह से KYC और ड्यू डिलिजेंस हुआ हो। इससे उन मकान मालिकों का रास्ता बंद हो गया, जो औपचारिक मर्चेंट सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं।

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एक्सपर्ट की राय: एक बड़ा कदम

इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ नियमों का पालन कराने की बात नहीं है, बल्कि यह पूरे पेमेंट सिस्टम को नया शेप देगा। Easebuzz के ग्रुप हेड और RBI के पूर्व AGM परिमल कुमार शिवेंदु ने कहा, “RBI का पेमेंट एग्रीगेटर्स पर नया मास्टर डायरेक्शन एक ऐतिहासिक कदम है।”

उन्होंने कहा, “यह नियमों की मुश्किलों को कम करता है। अब एक सिंगल PA लाइसेंस होगा और बिजनेस बढ़ाने के लिए सिर्फ इंटिमेशन देना होगा। यह माइक्रो-रूल्स की जगह प्रिंसिपल-बेस्ड फ्रेमवर्क लाता है। साथ ही, PAs को अब मर्चेंट की ड्यू डिलिजेंस की जिम्मेदारी सीधे लेनी होगी, न कि बैंकों को।”

अभी के लिए, यूजर्स अपने मंथली रेंट को इन ऐप्स के जरिए नहीं दे पाएंगे। उन्हें बैंक ट्रांसफर, UPI या चेक का सहारा लेना होगा। हालांकि, फिनटेक कंपनियां भविष्य में इस सेवा को फिर से शुरू कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए सख्त KYC और मकान मालिकों को मर्चेंट के तौर पर ऑनबोर्ड करना होगा। यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है और छोटे मकान मालिकों के लिए आकर्षक नहीं होगी।

यह कदम RBI के डिजिटल पेमेंट्स में सख्ती और अनुपालन को बढ़ाने की बड़ी कोशिश का हिस्सा है। मार्केटप्लेस-स्टाइल रेंट पेमेंट पर रोक लगाकर, RBI फ्रॉड के जोखिम को कम करना चाहता है और पेमेंट फ्लो पर नजर रखना चाहता है।

फिनटेक कंपनियों के लिए यह बदलाव एक बड़े यूज केस को खोने का मतलब है, जिससे कार्ड खर्च और कन्वीनियंस फी की कमाई बढ़ रही थी। यूजर्स के लिए, रेंट पर क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स कमाने का आसान तरीका अब खत्म हो गया है।

First Published : September 18, 2025 | 3:08 PM IST