Tata Motors Passenger Vehicles MD and CEO Shailesh Chandra
टाटा मोटर्स के पासेंजर व्हीकल्स एमडी और सीईओ शैलेश चंद्रा ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में घरेलू पासेंजर वाहनों की बिक्री लगभग 5 प्रतिशत बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि दूसरे छमाही में दोगुनी बढ़ोतरी की उम्मीद है, क्योंकि त्योहारी मौसम के बाद भी बाजार में मांग मजबूत बनी हुई है।
वित्तीय वर्ष के अप्रैल-सितंबर के बीच बिक्री में सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हालांकि, सिर्फ त्योहारी सीजन में ही पासेंजर वाहनों की बिक्री में सुधार देखने को मिला।
शैलेश चंद्रा ने एनालिस्ट कॉल के दौरान बताया कि अक्टूबर-मार्च की अवधि में बिक्री दोगुने अंक की वृद्धि दर्ज कर सकती है। उन्होंने कहा कि सितंबर और अक्टूबर में त्योहारी मांग की वजह से क्रमशः 5 प्रतिशत और 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
चंद्रा ने यह भी कहा कि नवंबर और दिसंबर में बाजार में मांग अभी भी तेज है और दोनों महीने व्यवसाय के लिहाज से मजबूत बने रहेंगे।
कंपनी के अधिकारी चंद्रा ने कहा कि वित्तीय वर्ष में पहले छह महीनों में 1.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन त्योहारों के बाद स्थिति में सुधार होने के कारण पूरे साल की वृद्धि लगभग 5 प्रतिशत के आस-पास रहने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि कंपनी अपनी मजबूत मांग और व्यापक मार्केटिंग कैंपेन का फायदा उठाकर तीसरी तिमाही में बिक्री को बढ़ाने और अगले साल के लिए इन्वेंट्री को कम रखने की योजना बना रही है।
चंद्रा ने कहा कि नए उत्पाद लॉन्च के माध्यम से कंपनी अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी और इससे बिक्री में बढ़ोतरी होगी। नए सिएरा मॉडल की लॉन्चिंग इस साल वॉल्यूम और मुनाफे में इजाफे के मुख्य कारणों में से एक होगी। इसके अलावा, हारियर और सफारी के पेट्रोल वर्ज़न प्रमुख बाजारों में बिक्री बढ़ाने में मदद करेंगे।
ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) के क्षेत्र में भी कंपनी तेज गति से नए उत्पाद पेश करके अपने विकास को जारी रखेगी। इसके साथ ही, ईवी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जाएगा।
चंद्रा ने कहा कि बिक्री बढ़ने के साथ ही कंपनी ऑपरेटिंग लीवरेज, नए लॉन्च से उत्पाद मिश्रण में सुधार और GST के प्रभाव से मुनाफा बढ़ाने की कोशिश करेगी और लागत घटाने के प्रयास तेज करेगी।
साथ ही, कंपनी अपने नेटवर्क और ग्राहक सेवा को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक सुधार भी करती रहेगी, जिससे लंबी अवधि में स्थायी विकास को बल मिलेगा।