पिछली बार जब मैंने सोने के बारे में लिखा, तो उसके भाव 920 से 950 डॉलर प्रति औंस पर चल रहे थे। लेकिन उसके बाद वित्तीय संकट आया और तब से काफी हलचल मची हुई है।
हालांकि सोना अभी भी 900 डॉलर से नीचे चल रहा है और जैसा कि अनुमान था यह 800 डॉलर से गिर कर 730 डॉलर तक पहुंच सकता है, वैसा ही हुआ। क्या हुआ? हेज के लिए आखिरी उपाय, दहशत से बचाव, ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव, वास्तविक मुद्रा में गिरावट, पूंजीवाद पर असर के बावजूद सोना आखिर क्यों नहीं चढ़ा।
क्यों यह अभी तक गिरा हुआ है? यह भी एक सवाल है जो समझ में नहीं आ रहा है। सोने में निरंतर निवेश किया जा सकता है। पर सवाल यह है कि इसे कब खरीदा जाए? 21 अप्रैल, 2008 के समय सोना खरीदने का सही वक्त नहीं था। तब से 6 महीने हो गए हैं, आप भी इंतजार कर रहे होंगे और यह उम्मीद कि अब संकट के समय सोना चढ़ेगा, लेकिन सोना वहीं पर है। तो अब क्या होगा? संकट भी है और सोना भी नहीं चढ़ा है।
संपत्तियों की जिंदगी आदमी से ज्यादा होती है, क्योंकि यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। इसलिए संपत्ति का चक्र समझने के लिए पीढ़ी की जानकारी होना जरूरी है जिसे कि इतिहास कहते हैं। इसी जानकारी को हम चक्र कहते हैं। सोना इस पीढ़ी दर पीढ़ी जानकारी का एक प्रतीक है। सोना सबसे पुरानी संपत्ति है और इसमें कम अवधि तथा लंबी अवधि में बढ़त होती रही है।
साथ ही गिरावट का समय चक्र भी इस पर असर डालता है। सोना का चक्र समझ में आ जाए तो हमें समाज और इस धातु की जानकारी हो सकती है। सोने का चक्र हमें यह बताता है कि यह कब अच्छा होता है। सोने में मौजूदा गिरावट अपेक्षाकृत कम अवधि की है। यह संपत्ति साल दर साल चक्रीय वृद्धि से बढ़ती जा रही है। इसके बारे में हमने पहले भी बताया था और फिर कह रहे हैं कि यह बढ़ोत्तरी 2012 से 2015 की अवधि तक जारी रह सकती है।
सोने का 30 साल का चक्र होता है और 1869 से इससे जुड़ी जानकारियों दस्तावेज के रूप में मौजूद हैं। 1910 के बाद से लगभग 75 प्रतिशत सोना खदानों से निकाला गया है। इस चक्र की घटनाएं 1869, 1907, 1934, 1973, 2000 और 2030 को प्रदर्शित करती हैं। सोने का 30 साल का चक्र वर्ष 2000 में शुरू हुआ और यह अगले तीन दशक तक जारी रहना चाहिए।
बहुत ही दकियानूस तरीके से आकलन करें तो भी कह सकते हैं कि सोना 3,000 डॉलर का स्तर छू सकता है। इतनी तेजी से पहले सोना कहां तक गिरेगा, इसके पहले हम को यह देखना चाहिए कि 3,000 डॉलर स्तर का मतलब क्या है, यह आंकड़ा कितना सही है और इससे कैसे आगे की अर्थव्यवस्था के चक्र की परिभाषा प्रदर्शित होती है।
सबसे पहली बात तो यह कि सोना जिंसों के समूह में सबसे प्रमुख धातु है। सीआरबी सूचकांक बनाम सोने के संबंध से जाहिर होता है कि सोना दूसरी सभी जिंसों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करता रह सकता है। और जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उनमें सोना 2015 तक इस चक्र के दौरान उच्च स्तर तक बढ़ता रह सकता है।
यह ज्यादा उचित लगता है, क्योंकि पिछली बार सोने ने 1980 के दशक की शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। 1980 की यह घटना पीढ़ी दर पीढ़ी चक्र को समझने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 1980 का समय 60 साल की ब्याज दर चक्र का उच्चतम काल था।
ब्याज दर और जिंसों की उच्चतम कीमत होने से 80 वास्तव में 1970 और 2000 के सोने के चक्र की आधी अवधि में पड़ता है। यही कारण है कि 2008 में सोना सर्वोच्च स्तर पर होने के बावजूद 1980 ज्यादा महत्वपूर्ण है। 2008 दरअसल सोने के 30 साल के चक्र का एक-तिहाई है।
तीसरी बात, हम सब जानते हैं कि 1980 में सोने की तेजी से क्या हुआ था। इसके बाद इसमें और जिंसों की कीमतों में गिरावट आई थी और शेयर बाजार में तेजी आई थी। यही कारण है कि इस समय सोने में गिरावट और शेयरों में गिरावट काफी अलग बात है और इसका मतलब काफी हद तक अवस्फीति से जुड़ा है।
चौथी बात, बाजार चक्र एक से दूसरी संपत्ति को प्रभावित कर रहे हैं और हम लालच में ज्यादा कर्ज दिए जाने के दौर में हैं। पांचवीं बात, अभी तक सभी संपत्तियों के मुकाबले वास्तविक मूल्य के आधार पर सोने का प्रदर्शन अच्छा रहा है। छठी बात, मई से तेल में तेजी के कारण जिंस में गिरावट की उम्मीद थी और अब तेल गिर कर आधा रह गया है।
1929, 1987 और 2008 से पहले अगर रोनाल्ड रीगन, हरबर्ट हूवर और पॉलसन मजबूत बुनियाद और मजबूत बैंकिंग की बात कर रहे थे तो सूचना और खबर किस काम की? जब डर छाता है तो बुनियादी बातें भी ढह जाती हैं। यही कारण है कि चक्र काम करता है। हम तब तक प्राकृतिक और वैकल्पिक ऊर्जा का महत्व नहीं समझेंगे, जब तक कि तेल 500 डॉलर प्रति बैरल न हो जाए।
जब तक सोना कागज की मुद्रा को रद्दी नहीं बना देगा, तब तक हम मौजूदा कर्ज विस्तार का संतुलन नहीं करेंगे। सोने में बढ़त अभी शुरू हुई है। जब तक पानी तेल से महंगा नहीं हो जाएगा, हम पानी का महत्व नहीं समझेंगे। बाजार सबसे अच्छा शिक्षक और संतुलन निर्माता है, क्योंकि इंसान मूल्यों और लालच में संतुलन नहीं कर पाता।
निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि सोने में अभी गिरावट आएगी। आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर यह 700 डॉलर तक आ जाए। सभी तरह के संकट के बावजूद अगर यह नहीं टूटा तो भी चक्र के अनुसार कुछ महीनों बाद इसमें गिरावट आ सकती है।