पेटीएम के सभी ग्राहकों को भुगतान सेवा मुहैया कराने वाले किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में तीन से छह महीने लग सकते हैं। मामले की जानकारी रखने वालों ने यह बताया। साथ ही यह भी पता चला है कि पेटीएम थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) का लाइसेंस हासिल करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के पास आवेदन करने की सोच रही है।
टीपीएपी लाइसेंस मिल गया तो पेटीएम के यूजरों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये डिजिटल भुगतान करने की सुविधा पक्की हो जाएगी। यह सब इन चिंताओं के बीच हो रहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च से जमा लेने और कर्ज देने से रोकने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक कंपनी का पेमेंट बैंकिंग लाइसेंस भी रद्द कर सकता है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि रिजर्व बैंक पूरी प्रक्रिया के बारे में क्या सोच रहा है। यह बदलाव रातोरात या कुछ दिन में नहीं हो सकता है। पेटीएम के सभी ग्राहकों को दूसरे सेवा प्रदाताओं के प्लेटफॉर्म में 3 से 6 महीने लग सकते हैं क्योंकि
पेटीएम के ग्राहकों की संख्या काफी ज्यादा है।’ एक अन्य सूत्र ने बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि @paytm के साथ खत्म होने वाला उसका वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) 15 मार्च के बाद भी काम करता रहेगा। वीपीए अनूठी पहचान होती है, जिसका इस्तेमाल ग्राहक यूपीआई के जरिये पैसे भेजने और पाने के लिए करते हैं। सूत्र ने कहा, ‘चूंकि कंपनी टीपीएपी लाइसेंस लेकर भुगतान सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी कर रही है, इसलिए माना जा रहा है कि वीपीए 15 मार्च के बाद भी कुछ समय काम करता रहेगा।’ सूत्रों के मुताबिक पेटीएम यूपीआई सेवाओं के लिए ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के साथ साझेदारी के लिए बात कर रही है।
इस बारे में जानकारी के लिए आरबीआई और पेटीएम को ईमेल किया गया लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। एनपीसीआई ने भी कोई टिप्पणी नहीं की।
इस समय पेटीएम के यूजर @paytm के साथ खत्म होने वाले अपने वीपीए के जरिये यूपीआई भुगतान कर सकते हैं क्योंकि 2017 में ही पेटीएम पेमेंट्स बैंक को भुगतान बैंक का लाइसेंस मिल गया था। इस लाइसेंस के बाद वह भुगतान सेवा प्रदाता (पीएसपी) बन गई और पीएसपी बैंक के तौर पर वह अपने ऐप्लिकेशन और टीपीएपी के जरिये ग्राहकों को यूपीआई पर जोड़ सकती है। देश में यूपीआई का संचालन एनपीसीआई ही करती है।
देश में फिलहाल 22 टीपीएपी काम कर रही है जिनमें एमेजॉन पे, फोनपे, गूगल पे आदि शामिल हैं।