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Global Fintech Festival: फिनटेक क्रांति से बढ़ी जीवन की गुणवत्ता, सफलता बेजोड़; PM मोदी ने दिया बयान

PM मोदी ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि ‘फिनटेक क्रांति’ ने भारतीयों के लिए जीवन की गरिमा और गुणवत्ता को बढ़ाया है। फिनटेक कंपनियों ने ऋण पहुंच को आसान बनाया है।

Last Updated- August 31, 2024 | 12:00 AM IST
Global Fintech Festival: Quality of life increased due to Fintech revolution, success unmatched; PM Modi gave statement फिनटेक क्रांति से बढ़ी जीवन की गुणवत्ता, सफलता बेजोड़, PM मोदी ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में दिया बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि फिनटेक ने ऋण, क्रेडिट कार्ड, निवेश और बीमा को व्यापक तौर पर सुलभ बनाकर देश में वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सफलता ‘बेजोड़’ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि ‘फिनटेक क्रांति’ ने भारतीयों के लिए जीवन की गरिमा और गुणवत्ता को बढ़ाया है। फिनटेक कंपनियों ने ऋण पहुंच को आसान और समावेशी बना दिया है।

मोदी ने कहा कि शेयर बाजार और म्युचुअल फंडों में निवेश पहले बड़े शहरों तक ही सीमित था मगर अब नए जमाने की कंपनियों के आने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस ओर रूझान देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीमैट खाते खोलने में लगने वाला समय भी काफी कम हो गया है।

फिनटेक की उपलब्धि नवाचार तक ही सीमित नहीं है बल्कि लोगों ने इसे तेजी से अपनाया भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोगों ने जिस स्तर पर और तेजी से इसे अपनाया है वह बेजोड़ है।’ उन्होंने इसका श्रेय डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्टक्चर (डीपीआई) और फिनटेक कंपनियों को दिया।

उन्होंने कहा, ‘फिनटेक फर्मों ने लोगों के बीच डीपीआई के प्रति विश्वास कायम करने के लिए शानदार नवाचार किए हैं। क्यूआर कोड को साउंड बॉक्स के साथ जोड़ना ऐसा ही एक नवाचार है। मुद्रा से क्यूआर कोड तक की यात्रा में कई युग लग गए मगर अब इस क्षेत्र में हम हर दिन नया नवाचार देख रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि फिनटेक क्षेत्र में 10 साल के दौरान 31 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश हुआ है और यह 500 फीसदी की दर से बढ़ा है। मोबाइल फोन और डेटा के सस्ता होने तथा शून्य बैलेंस वाले जनधन खाते से वित्तीय समावेशन में मदद मिली है। देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ हो गई है।

‘डिजिटल ट्विन्स’ जैसी तकनीक जोखिम प्रबंधन, धोखाधड़ी का पता लगाने और ग्राहक अनुभव में सुधार लाकर डेटा आधारित बैंकिंग को अगले स्तर पर ले जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज 53 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास जनधन बैंक खाता है। पिछले 10 वर्षों में हमने यूरोपीय संघ की आबादी के बराबर लोगों को बैंकिंग तंत्र से सफलतापूर्वक जोड़ा है।’

मोदी ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी के परिणामस्वरूप भारत दुनिया में वास्तविक समय के डिजिटल लेनदेन को करने में सक्षम है। जनधन महिला सशक्तीकरण के लिए सबसे बड़े प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है जिसने 29 करोड़ महिलाओं को बैंक खाते खोलने की सुविधा दी है।

उन्होंने कहा, ‘जनधन खातों की तरह ही हमने मुद्रा योजना शुरू की थी। इस योजना के जरिये 27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज दिया गया है और इस योजना की 70 फीसदी से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं हैं।’

भारतीय बैंकिंग प्रणाली सालों भर चौबीसों घंटे काम करती है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारत उन देशों में था जहां बैंकिंग सेवाएं निर्बाध उपलब्ध रहीं।

First Published - August 30, 2024 | 11:38 PM IST

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