सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना की ऊपरी सीमा बढ़ाए जाने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले ने सही काम किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के पहले महीने अप्रैल में इस योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा आए हैं। इस योजना के तहत जमा धनराशि पिछले वित्त वर्ष के समान महीने की तुलना में 3 गुने से ज्यादा है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम अप्रत्याशित सफलता देख रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों की योजना के विस्तार को लेकर पहले महीने में बहुत अच्छी रिपोर्ट आई है। अप्रैल में इसमें जमा राशि 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। सामान्यतया इसके पहले अप्रैल में करीब 3,000 करोड़ रुपये जमा हुआ था।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में वरिष्ठ नागरिक जमा योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। साथ ही मासिक आय खाता योजना में एकल खाते के लिए राशि 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए राशि 9 लाख रुपये से 15 लाख रुपये कर दी गई थी।
उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि एकमुश्त नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र 2 साल यानी मार्च 2025 तक के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘इस योजना में महिला या लड़की के नाम पर 2 साल के लिए 2 लाख रुपये तक जमा किया जा सकेगा, जिस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा और इसमें आंशिक निकासी की भी सुविधा मिलेगी।’
इसके साथ ही केंद्र ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए कई लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ा दी थी। वरिष्ठ नागरिक योजना पर ब्याज 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत और मासिक आय योजना पर ब्याज बढ़ाकर 7.1 प्रतिशत से 7.4 प्रतिशत कर दिया गया था।
उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि अभी मासिक आय खाता योजना के प्रदर्शन के आंकड़ों का इंतजार है, लेकिन नागरिकों की कुल मिलाकर प्रतिक्रिया बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘हम बैंकों से जल्द से जल्द महिला सम्मान योजना शुरू करने को कह रहे हैं। डाकघरों ने पहले ही यह योजना शुरू कर दी है।’
अधिकारी ने कहा कि अप्रैल वित्त वर्ष का पहला महीना होता है, इसलिए इस महीने में लघु बचत योजनाओं में हमेशा नागरिकों की ओर से ज्यादा निवेश आता है। इसमें तर्क हो सकता है कि आगे के महीनों में 10,000 करोड़ रुपये नहीं आएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन हमें जो भी मिलेगा, अच्छी राशि होगी।’
राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में अच्छा निवेश आना केंद्र के लिए बेहतर होता है क्योंकि यह राजकोषीय घाटे के वित्तपोषण के लिए दूसरा बड़ा स्रोत है। घाटे को कम करने का पहला बड़ा स्रोत केंद्र की ऋण बाजार से उधारी होता है। वित्त वर्ष 24 में शुद्ध बाजार उधारी 11.88 लाख करोड़ रुपये है। NSSF से कुल प्राप्तियां 4.71 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जिससे घाटे की भरपाई की जाएगी।