देश के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की तस्वीर खासी बदल रही है। हालांकि शीर्ष कंपनियां लगातार अपना दबदबा बनाए हुए हैं, लेकिन छोटी कंपनियां अलग-अलग रणनीतियों और उपयोग के बढ़ते मामलों की बदौलत प्रभावशाली वृद्धि का प्रदर्शन कर रही हैं।
यूपीआई में प्रदर्शन की तालिका में नवी, ग्रो और मोबिक्विक जैसे छोटी कंपनियों ने सालाना आधार पर उल्लेखनीय वृद्धि की है। सचिन बंसल के स्वामित्व वाली नवी अगस्त 2023 में 8.871 करोड़ लेनदेन करते हुए छलांग लगाकर छठे स्थान पर पहुंच गई। उसने एमेजॉन पे को पीछे छोड़ दिया है, जिसने उसी महीने में 7.072 करोड़ लेनदेन किए थे।
ग्रो और आईपीओ की तैयारी में जुटी मोबिक्विक जैसी फिनटेक कंपनियों ने सालाना आधार पर (अगस्त 2023 के मुकाबले अगस्त 2024 में) अपने वॉल्यूम में तीन गुना से ज्यादा का इजाफा कर लिया। इस दौरान फोन और गूगल पे के वॉल्यूम में क्रमशः 46.9 प्रतिशत और 48.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार यूपीआई में प्रदर्शन की तालिका में शीर्ष पांच से बाहर बाहर वाली छोटी कंपनियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी अगस्त 2023 तक पांच प्रतिशत से कुछ अधिक स्तर पर के साथ औसत बनी हुई थी।
हालांकि नवी और एमेजॉन पे जैसी थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर (टीपीएपी) के लेनदेन की मात्रा में उल्लेखनीय इजाफा देखा गया है क्योंकि किसी भी एक कंपनी की यूपीआई बाजार हिस्सेदारी को 30 प्रतिशत पर सीमित करने की वर्ष के अंत की समय सीमा निकट आ रही है।
कंपनियों ने बढ़ते आधार पर इजाफा किया है। अगस्त 2024 में इस पारिस्थितिकी तंत्र में यूपीआई लेनदेन की मात्रा 14.9 अरब आंकी गई थी जबकि अगस्त 2023 में यह मात्रा 10.5 अरब डालर थी। इस बीच ज्यादातर इजाफा बेहतर वित्त पोषण वाली उन छोटी कंपनियों के बीच केंद्रित रहा है जो उपयोगकर्ताओं को कैशबैक और रिवार्ड देकर ग्राहक हासिल कर सकती हैं।
सुपर डॉट मनी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी प्रकाश सिकारिया ने कहा, ‘अगर हम यूपीआई पर डेबिट भुगतान की बात करें तो रिवार्ड वह तरीका है जो ग्राहकों को प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करता है। आप उनके लिए बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव बना सकते हैं और पहले दिन से ही वे रिवार्ड के लिए आएंगे और अनुभव के लिए जड़े रह सकते हैं।’
अगस्त में शुरू हुई फ्लिपकार्ट के निवेश वाली इस कंपनी ने केवल एक महीने में ही यूपीआई के 1.1 करोड़ से ज्यादा लेनदेन को अंजाम दिया है। यह यूपीआई के हरेक लेनदेन पर पांच प्रतिशत तक कैशबैक प्रदान करती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ पहले हुई बातचीत में सिकारिया ने कहा था कि वह चाहते हैं कि सुपर डॉट मनी यूपीआई के पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल हो। इसके लिए वह इस वित्त वर्ष के आखिर तक को लक्ष्य बना रहे हैं।
पिछले कुछ सालों के दौरान एनपीसीआई ने यूपीआई पर आधारित कई पहल का ऐलान किया है। इसमें यूपीआई लाइट, यूपीआई पर क्रेडिट कार्ड, यूपीआई पर क्रेडिटलाइन, यूपीआई सर्कल वगैरह शामिल हैं। इसने टीपीएपी को यूपीआई पर विकसित कारोबारी प्रारूप विकसित करने में सक्षम बनाया है, भले ही वे यूपीआई की तालिका में ऐसे छोटे टीपीएपी हों, जो पीयर-टु-पीयर (पी2पी) और पीयर-टु-मर्चेंट (पी2एम) डेबिट लेनदेन का अनुसरण करते हैं।