जब आप शैक्षिक ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक पाठयक्रम की अवधि, फीस, पाठयक्रम सामग्री और अन्य खर्च पर नजर डालता है। इसी के हिसाब से बैंक यह बताता है कि आपको कितनी राशि मंजूर की जानी चाहिए।
बैंक द्वारा यह पाठयक्रम शुल्क सीधे तौर पर कॉलेज या संस्थान को दे दिया जाता है। इसके लिए आपको हर साल एक फॉर्म भर कर बैंक को देना जरूरी है जिसमें इस भुगतान के लिए आवश्यक रकम का ब्यौरा शामिल होता है।
यह संस्थान या संबद्ध कॉलेज विदेश में भी हो सकता है और फीस का भुगतान डॉलर या किसी अन्य मुद्रा में संस्थान को प्रत्यक्ष तौर पर कर दिया जाता है। इस लेनदेन के लिए बैंक प्रेषण शुल्क वसूलता है।
इस ऋण के भुगतान के दो स्वरूप हैं। यदि आपके माता-पिता ऋण चुकाने को इच्छुक हैं तो वे शिक्षा के दौरान बीच में भी इसका भुगतान कर सकते हैं। हालांकि दूसरा पसंदीदा विकल्प पाठयक्रम पूरा हो जाने के बाद ऋण का भुगतान किया जाना है।
बाद के स्वरूप में, ऋण के मूल भाग का भुगतान पाठयक्रम के समाप्त होने के 6 महीने या 1 साल बाद शुरू होता है या फिर यह भुगतान प्रक्रिया तब शुरू होती है जब आप नौकरी हासिल कर लेते हैं। ऋण की अदायगी बराबर मासिक किस्त (ईएमआई) आधार पर की जाती है।
अब आप जानना चाहेंगे कि यह प्रक्रिया काम कैसे करती है। मान लेते हैं कि आपने 7 साल के लिए 13.25 फीसदी सालाना की ब्याज दर से 5 लाख रुपये का शैक्षिक ऋण लिया है। पाठयक्रम पूरा हो जाने पर आपको ऐसी नौकरी मिल जाती है जिसमें आपको 5 लाख रुपये सालाना मिलते हैं। जब आप ऋण को चुकाना शुरू करेंगे तो आपकी ईएमआई 9,164 रुपये की होगी। इस तरह से आपको 109,968 रुपये सालाना चुकाने होंगे।
भुगतान के पहले वर्ष में ब्याज की राशि 64,350 रुपये होगी जिसे कर की गणना के दौरान आय से घटाया जा सकता है। इससे आपको 21,872 रुपये की बचत होगी। इस तरह से इस संबद्ध वर्ष के लिए ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 13.25 फीसदी के बजाय लगभग 10.75 फीसदी होगी।
जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है कि कुछ बैंक आपको ब्याज के भुगतान पर अधिस्थगन यानी रोक की भी अनुमति देंगे। इसका मतलब हुआ कि आप इस अवधि के दौरान ब्याज की अदायगी को टाल सकते हैं। अब आपको पाठयक्रम पूरा होने के 6 महीने बाद तक, या फिर नौकरी मिल जाने तक बैंक को कुछ भी चुकाए जाने की जरूरत नहीं है।
यदि आप इस विकल्प का चयन करते हैं तो ब्याज त्रैमासिक है और यह अदायगी के लिए मूल राशि में जुड़ जाता है। यह विकल्प अधिक ब्याज दर वाला अवश्य है, लेकिन यह उन लोगों के लिए एक वरदान जैसा है जो पाठयक्रम की अवधि के दौरान ऋण नहीं चुका सकते।
उस स्थिति में ब्याज दर कम है जब आप पाठयक्रम समाप्त होने के तुरंत बाद ऋण चुकाना शुरू कर देते हैं। अन्य ऋणों के विपरीत शैक्षिक ऋण में पूर्व भुगतान जुर्माना नहीं लगाया जाता है। यदि आप पाठयक्रम अवधि के शुरुआती वर्षों में इसे चुकाना चाहते हैं तो आप बिना किसी जुर्माने के बकाया पूरी ऋण राशि चुका सकते हैं। यह याद रखना जरूरी है कि इस ऋण में कुछ बाधाएं भी हैं।
जैसे, यदि आपने फ्लोटिंग रेट के ऋण विकल्प को चुना है तो आप पाठयक्रम के मध्य में इसे फिक्स्ड रेट के विकल्प में नहीं बदल सकते। हालांकि यदि आप ज्यादा आकर्षक ऑफर या सुविधा पाते हैं तो अपने ऋण को एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित कर सकते हैं। ऋण स्थानांतरण के मामले में सामान्यत: बकाया ऋण राशि का 1 फीसदी वसूला जाएगा।
बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जैसे ही अपना पाठयक्रम पूरा कर लेते हैं, आपको ईएमआई का भुगतान तुरंत शुरू कर देना चाहिए। कुछ बैंक आपके अध्ययन को जारी रखने के लिए या ऋण अदायगी में ग्रेस पीरियड यानी कुछ समय की छूट दे सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से आपके विवेक पर निर्भर है।