बाजार हिस्सेदारों का कहना है कि बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की तंगी बढ़ने के कारण जनवरी में सभी अवधि के कमर्शियल पेपर के प्रतिफल में 10 से 30 आधार अंक तक की बढ़ोतरी हुई है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए दरों का असर सबसे ज्यादा रहा।
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जारी कमर्शियल पेपर में 6 महीने और 12 महीने की अवधि वाले पत्रों के प्रतिफल में 20 आधार अंक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं 2 महीने और 1 महीने के पत्रों का प्रतिफल उल्लेखनीय रूप से 30 आधार अंक बढ़ा है। बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी 3 महीने के वाणिज्यिक पत्र की हुई है।
वाणिज्यिक पत्र कॉर्पोरेशंस द्वारा जारी कम अवधि के ऋण के असुरक्षित रूप होते है। इसका इस्तेमाल तात्कालिक वित्तीय बाध्यताएं पूरी करने के लिए होता है।
एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के प्रेसीडेंट और सीआईओ-फिक्स्ड इनकम धवल दलाल ने कहा, ‘3 माह के वाणिज्यिक पत्र की अप्रैल में परिपक्वता है। मार्च की परिवक्वता की तुलना में सावधि प्रीमियम हमेशा अधिक है। ऐसे में ज्यादातर निवेशक ऐसी संपत्तियों को खरीद रहे हैं, जिसकी परिवक्वता नए वित्त वर्ष में है।’