ICICI Bank Ltd. ने कहा है कि 2024 में भारतीय बॉन्डों का जेपी मॉर्गन के उभरते बाजारों वाले इंडेक्स में शामिल होने से पहले ही करीब 10 बिलियन डॉलर का निवेश देखने को मिलेगा। भारत सरकार के बॉन्डों का जेपी मॉर्गन ऐंड चेस कंपनी में शामिल होने के बाद विदेशी निवेश करीब 20 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
गुरुवार को ब्लूमबर्ग टेलिविजन पर एक इंटरव्यू में ग्लोबल मार्केट सेल्स के ग्रुप हेड बी. प्रसन्ना ने कहा कि भारतीय डेट मार्केट को उम्मीद है कि जेपी मॉर्गन के अलावा ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेटर सहित अन्य इंडेक्स भी उन्हें शामिल कर लेंगे। अगर ऐसा होता है तो भारतीय बॉन्ड मार्केट में निवेश बढ़कर 50 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है।
JPMorgan ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह जून 2024 से कई फेज में भारत के बॉन्ड को अपने इंडेक्स में जोड़ देगा, जिससे इंडेक्स में देश का मैक्सिमम वेट 10 प्रतिशत हो जाएगा। इस कदम से प्रतिफल यानी यील्ड कम होने की उम्मीद है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल के राष्ट्रीय चुनावों से पहले रिकॉर्ड फंड उधार लेने में मदद मिलेगी।
प्रसन्ना ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स का जिक्र करते हुए कहा, भले ही घोषणा के बाद से बॉन्ड में कोई बढ़त नहीं देखी गई है, लेकिन उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, एक बार पैसिव इनफ्लो शुरू होने और वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कम होने पर भारतीय यील्ड लगभग 7 प्रतिशत के स्तर तक गिर सकती है। उदाहरण के लिए जब कच्चे तेल की कीमतें कम होने लगती हैं और फेडरल रिजर्व अपने आक्रामक टोन को कम कर देता है।
गुरुवार को 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड पांच आधार अंक बढ़कर 7.22 फीसदी हो गई।
प्रसन्ना ने कहा कि रुपया, जो अपने रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब है, एक डॉलर के मुकाबले 82-84 के दायरे में कारोबार करेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई ग्रीनबैक को जारी रखेगा और लोकल करेंसी में ज्यादा बढ़ोतरी की अनुमति नहीं देगा।