पिछले कुछ वर्षों में टर्म प्लान का नाम कई बार सुनने में आया है। किसी भी वित्तीय योजनाकार की बीमा की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से पहली पसंद हमेशा टर्म प्लान ही रहते हैं, आखिर इनमें लागत कम है।
सामान अवधि के दौरान यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं का बाजार में काफी दबदबा रहा, इसकी वजह यह थी कि इन योजनाओं को बीमा-कम-निवेश योजनाओं की तरह बेचा गया। गौरतलब है कि यह योजना आपके कमाए हुए पैसे को एक साल के भीतर चार बार ऋण से इक्विटी की ओर लगाने का भी मौका देती है, वह भी बिना किसी अतिरिक्त प्रभार के।
कई लोगों का मानना हैं कि यह उन्हें ऋण और इक्विटी दोनों के फायदे उठाने का मौका देती है। लेकिन बाद में आपको पता चलता है कि इस तरह की योजनाओं में आपको काफी अधिक कीमत चुकानी पड़ी। यूलिप और टर्म प्लान के बीच तुलना करने के लिए बेशक आपको एन्डाउमेंट और मनी बैक पॉलिसी जैसे कुछ पुराने तरीकों को भूलना होगा। एन्डाउमेंट योजना सुरक्षित निवेश करने वालों के लिए बढ़िया हो सकती है।
एन्डाउमेंट योजना वह होती हैं, जिसमें पॉलिसीधारक एक निश्चित अवधि के लिए प्रीमियम का भुगतान करता है और यह योजनाएं अवधि के खत्म होने के साथ ही परिपक्व हो जाती हैं। परिपक्व होने पर ये योजनाएं धारक को कुल राशि और समय-समय पर मिलने वाला बोनस देती हैं। आइए देखते हैं यह काम कैसे करती है।
मानते हैं कि 35 वर्षीय कोई व्यक्ति 20 वर्ष की अवधि के लिए एक एन्डाउनमेंट योजना लेता है। 1.05 लाख रुपये की कुल राशि के लिए उसका सालाना प्रीमियम 5,278 रुपये है। 1.05 लाख रुपये की कुल राशि पर उच्च कुल राशि को मिलने वाली छूट का फायदा मिलेगा जो एक हजार रुपये की कुल राशि पर 2 रुपये है। और प्रति लाख यह राशि 200 रुपये होगी। इसे बाद में कुल राशि में मिला दिया जाता है।
पूरी अवधि के लिए एक हजार रुपये पर 40 रुपये की दर से एक साधारण रिवर्सनरी बोनस का अनुमान लगाया जाता है। अंत में एक हजार रुपये की कुल राशि पर 100 रुपये का अतिरिक्त बोनस भी का भी अनुमान लगाया जाता है। 20 वर्ष के बाद जो कुल भुगतान बीमा पॉलिसी धारक को होगा वह 1,99,500 रुपये होगा और वह भी तब जब 20 वर्ष तक बराबर प्रीमियम दिया गया हो। इस पर 6.25 प्रतिशत तक कर मुक्त रिटर्न मिलेगा।
सिर्फ इतना ही नहीं, इसके अलावा भी बहुत से लाभ हैं इस योजना के। इसके प्रीमियम धारा 80सी के तहत कर में छूट के भी योग्य हैं, जो लगभग 30 प्रतिशत की दर पर कर में बचत कर सकते हैं (माना जाता है कि आप आय कर की 30 प्रतिशत वाले स्लैब में आते हैं और तब आपके बीमा प्रीमियम 80सी के तहत आते हैं)। इस तरह से आप हर वर्ष 1,583 रुपये की बचत कर पाते हैं, जो अन्यथा कर के रूप में दिए जाते।
प्रीमियम के जरिये इस बचत को मिलाने पर असल रिटर्न 9.48 प्रतिशत बढ़ जाता है, जो लगभग डेट फंड के बराबर है। इसके अलावा इसमें 1,05 लाख रुपये का जीवन कवर भी है जिसका इस्तेमाल तीन वर्ष बाद ऋण लेने के लिए भी किया जा सकता है। ये बेशक एक लंबी अवधि की योजना है जो आपको लगभग 20 वर्ष के लिए बांध देती है। लेकिन जबरदस्ती होने वाली बचत के कारण इसके साकारात्मक फायदे भी होते हैं। इससे पॉलिसी धारक को फायदा होता है।
इस तरह की योजनाओं लंबी अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पैसों की कमी को पूरा करती हैं। आपके पोर्टफोलियो में ऋण का होना भी बेहद जरूरी है और एन्डाउमेंट योजनाएं आपको यह विकल्प भी देती हैं। साथ ही कम आयु वालों के लिए इस योजना की सिफारिश की जाती है चूंकि उनके लिए प्रीमियम कम होता है और रिटर्न अधिक।
इसके अलावा एक बार जब इस योजना में निवेश कर दिया जाए तो वापस मुड़ना मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें निकलने के लिए काफी प्रभार चुकाने पड़ते हैं। अन्य निश्चित आय मुहैया कराने वाली योजनाओं जैसे कि राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी), पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट (5 वर्ष) और बैंक सवाधि जमा (5 वर्ष) से तुलना करें तो एन्डाउमेंट योजना में रिटर्न अधिक है क्योंकि अन्य तीनों योजनाओं में रिटर्न कर योग्य माना जाता है। सिर्फ पीपीएफ का रिटर्न करमुक्त होने की वजह से एन्डाउमेंट योजना से बेहतर है। चूंकि ये सभी योजनाएं जीवन कवर देती हैं, जो इनका प्रमुख कार्य है- रिटर्न इसका एक अतिरिक्त फायदा है।