जो लोग जो बेहतर रिटर्न और कर की बचत के साथ जोखिम कवर यानी जीवन बीमा का लाभ भी चाहते हैं, उनके लिए यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप एक बेहतर विकल्प है। पिछले कुछ वर्षों में इस स्कीम में किए गए बदलाव के बाद इसके प्रति लोगों की रुचि फिर से बढ़ी है।
इस तरह की स्कीम पर मिलने वाले कर लाभ की वजह से भी लोगों का रुझान इसको लेकर बढ़ा है। यूलिप मोटे तौर पर ईईई श्रेणी में आते है। इसका मतलब है कि इस स्कीम में जमा करने पर, मिलने वाले रिटर्न पर और निकासी पर कर का प्रावधान है। लेकिन 2021 में इस स्कीम को लेकर कर नियमों में किए गए बदलाव को लेकर लोगों के बीच थोड़ा असमंजस है।
80सी के तहत कर रियायत का लाभ
यूलिप की लॉक-इन अवधि 5 साल है। इसका मतलब है कि प्लान की शुरुआत के 5 साल बाद आप इसे भुना/सरेंडर कर सकते हैं। अगर आप 5 साल तक निवेश जारी रखते हैं तो आपको यूलिप के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम पर 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक (निवेश के अन्य विकल्पों को मिलाकर) की कर कटौती का फायदा मिलेगा। लेकिन अगर कोई पॉलिसी 1 अप्रैल, 2012 या उसके बाद जारी की गई है तो एक वित्त वर्ष में बीमित राशि के 10 फीसदी से ज्यादा के सालाना प्रीमियम पर कर कटौती का लाभ नहीं मिलेगा।
परिपक्वता लाभ पर कर में छूट
यूलिप में परिपक्वता लाभ भी आयकर की धारा 10 (10डी) के तहत कर मुक्त है। मसलन यहां इक्विटी और डेट फंड से होने वाली कमाई पर भी कोई कर नहीं लगता है। लेकिन 2021 में यूलिप को लेकर टैक्स नियमों में बदलाव किया गया। नए नियमों के तहत अगर आप 1 फरवरी या उसके बाद यूलिप खरीदते हैं और सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको परिपक्वता लाभ पर कर में छूट नहीं मिलेगा। यानी परिपक्वता लाभ पूंजीगत लाभ माना जाएगा और चूंकि यूलिप की लॉक-इन अवधि 5 साल है। इसलिए लॉक-इन अवधि के बाद मिलने वाले परिपक्वता लाभ पर आपको 10 फीसदी दीर्घावधि पूंजी लाभ कर चुकाना होगा।
दीर्घावधि पूंजी लाभ कर की गणना
कुल परिपक्वता लाभ (अगर बोनस भी इसमें शामिल है तो इसे भी मिलाकर) में से कुल चुकाए गए प्रीमियम को घटाने के बाद जो राशि बचेगी वह पूंजीगत लाभ मानी जाएगी।
1. मान लीजिए आपने 1 अप्रैल, 2022 को यूलिप खरीदा। इसके लिए आप प्रति तिमाही 75 हजार रुपये बतौर प्रीमियम चुकाते हैं। पांच साल तक प्रीमियम चुकाने के बाद बीमा कंपनी अगले 5 साल के बाद यानी कुल दस साल के बाद 1 अप्रैल, 2031 को आपको 25 लाख रुपये का परिपक्वता लाभ देती है। इस प्लान के तहत 16 लाख रुपये का बीमा कवर यानी बीमित राशि (पॉलिसी के दौरान बीमा धारक की मौत के बाद परिवार को मिलने वाली निश्चित राशि) है।
इस मामले में आप प्रति वर्ष सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के प्रीमियम भुगतान पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं क्योंकि 80सी के तहत कटौती के लिए दावा की गई राशि बीमित राशि के 10 फीसदी से कम है। लेकिन 10 साल के बाद मिलने वाले 20 लाख रुपये के परिपक्वता लाभ पर आपको कर में कोई छूट नहीं मिलेगी और परिपक्वता लाभ पर आपको दीर्घावधि पूंजह लाभ कर चुकाना होगा क्योंकि इस मामले में सालाना प्रीमियम 75,000 गुना 4 = 3 लाख रुपये (2.5 लाख रुपये की सीमा से अधिक) है।
लेकिन इन 10 साल के दौरान अगर यूलिपधारक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी/उनके परिवार को कर मुक्त 15 लाख रुपये बीमित राशि मिलेगी। ध्यान रहे कि पॉलिसी अवधि के दौरान अगर बीमा धारक की मौत हो जाती है तो परिवार को मिलने वाली बीमित राशि पर किसी भी तरह के कर का प्रावधान नहीं है।
2. मान लीजिए आपने 1 अप्रैल, 2022 को यूलिप का एक ऐसा प्लान खरीदा जिसके लिए आपको सालाना 1.2 लाख रुपये 5 वर्ष तक बतौर प्रीमियम चुकाने होते हैं। 5 साल की लॉक-इन अवधि के ठीक 5 साल बाद यानी 1 अप्रैल, 2031 को बीमा कंपनी आपको 13 लाख रुपये का परिपक्वता लाभ देती है।
इस प्लान के तहत 5 लाख रुपये का बीमा कवर है। इस मामले में हालांकि आप सालाना 1 लाख रुपये प्रीमियम चुकाते हैं लेकिन आप सालाना सिर्फ 50 हजार रुपये के प्रीमियम भुगतान पर ही कर कटौती का फायदा ले सकते हैं क्योंकि बीमित राशि यानी 5 लाख रुपये का 10 फीसदी 50 हजार होता है। इस मामले में परिपक्वता लाभ पूरी तरह कर मुक्त होगा।