नकदी की कमी और धन जुटाने की लागत में वृद्धि को देखते हुए वाणिज्यिक बैंक अगले वित्त वर्ष 2024 में धन की सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में 100 से 150 आधार अंक की बढ़ोतरी कर सकते हैं। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में बैंकिंग व्यवस्था में मौद्रिक नीति को लागू करने की कार्रवाई तेज होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि मई 2022 से रीपो रेट में हो रही बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंकों ने मध्यावधि एमसीएलआर (1 साल के लिए) में मई 2022 से फरवरी 2023 तक के लिए 120 आधार अंक की बढ़ोतरी की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 तक रीपो रेट में 250 अंक की बढ़ोतरी कर इसे 6.5 प्रतिशत कर दिया है।
एमसीएलआर से जुड़े कर्ज ज्यादातर कॉर्पोरेट और कारोबारी प्रतिष्ठानों को दिए जाते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के सितंबर 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक इस कर्ज की फ्लोटिंग दरों वाले कुल कर्ज में हिस्सेदारी 46.5 प्रतिशत है।