बॉन्ड बाजार ने भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई पर ध्यान बढ़ा दिया है और वह गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा उठाए जाने वाले नीतिगत कदम का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा है। सभी की नजर इस पर टिकी हुई है कि गवर्नर मौजूदा हालात को बरकरार रखते हुए उधारी कार्यक्रम का प्रबंधन कैसे करते हैं।
बॉन्ड बाजार बजट में 14.95 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी के आंकड़ों को लेकर आशंकित था।
बजट के बाद 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल 6.93 प्रतिशत पर पहुंच गया, क्योंकि उससे पहले आरबीआई ने अपनी नीलामी में बॉन्ड बेचने से इनकार कर दिया। सोमवार को केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को प्रस्तावित नीलामी को रद्द कर दिया और केंद्र की अनुकूल नकदी बकाया स्थिति का हवाला दिया।
आरबीआई की नीलामियों में बॉन्ड प्रतिफल तेजी से घटा है। 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल बुधवार को 6.82 प्रतिशत पर बंद हुआ।
एलआईसी म्युचुअल फंड में वरिष्ठ फंड प्रबंधक (निर्धारित आय) राहुल सिंह ने कहा, ‘नीलामियों को रद्द करने की वजह यह भी है कि मार्च तक सिर्फ दो ही नीलामियों ने 10 वर्षीय बॉन्ड ने अच्छा प्रतिफल दिया। पिछले कुछ दिनों में शॉर्ट कवरिंग भी हुई थी।’
