निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 151 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। शुद्ध ब्याज मार्जिन बढऩे से मुनाफे को बल मिला। एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक ने 18,560 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। क्रमिक आधार पर बैंक के शुद्ध लाभ में 16.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर बैंक का शेयर आज 1.56 फीसदी बढ़त के साथ 90.9 रुपये पर बंद हुआ।
सितंबर 2020 तिमाही के मुकाबले दिसंबर तिमाही में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 29.7 फीसदी बढ़कर 2,560 करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईआई) भी सितंबर 2020 तिमाही के मुकाबले 30 आधार अंक बढ़कर 3.4 फीसदी हो गया। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा कि शुद्ध ब्याज मार्जिन मौजूदा स्तर पर संभवत: बरकरार नहीं रहेगा क्योंकि परिसंपत्ति गुणवत्ता की स्थिति पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ब्याज आय में कमी आएगी।
तिमाही के दौरान बैंक की गैर-ब्याज आय सितंबर 2020 तिमाही के मुकाबले 69 फीसदी बढ़कर 1,197 करोड़ रुपये हो गई। खुदरा शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि से इसे सहारा मिला। तिमाही के दौरान बैंक के प्रावधान कवरेज अनुपात में भी सुधार हुआ। तिमाही के दौरान एनपीए के लिए प्रावधान कवरेज अनुपात बढ़कर 76.8 फीसदी हो गया। तिमाही के दोरान जमा 7.7 फीसदी बढ़कर 1,46,233 करोड़ रुपये हो गई जबकि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 19.5 फीसदी रहा। बैंक ने इक्विटी जुटाने संबंधी योजना पर मंजूरी के लिए 2 मार्च 2021 को शेयरधारकों की बैठक आयोजित करेगी।
इंडियन बैंक का मुनाफा 514 करोड़ रुपये
ब्याज मार्जिन में सुधार के कारण दिसंबर तिमाही में इंडियन बैंक का शुद्ध लाभ 514 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में बैक ने 1,739 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। क्रमिक आधार पर बैंक के शुद्ध लाभ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बीएसई पर बैंक का शेयर 1.56 फीसदी की बढ़त के साथ 90.90 रुपये पर बंद हुआ।
1 अप्रैल 2020 को इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो गया और इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही व मार्च 2020 के संयुक्त वित्तीय आंकड़े दोनों बैंकों के अंकेक्षित आंकड़ों के समेकन के जरिए तय हुए हैं। बैंंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन तीसरी तिमाही में 31 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4,313 करोड़ रुपये पर पहुंच गा, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,293 करोड़ रुपये रहा था। इस अवधि में शुद्ध ब्याज मार्जिन 42 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ 3.13 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2.71 फीसदी रहा था। बैंक की गैर-ब्याज आय इस अवधि में हालांकि घटकर 1,397 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,673 करोड़ रुपये रही थी। बैंक ने एक बयान में कहा कि इसकी वजह निवेश बिक्री पर कम लाभ और फंसे कर्ज की कम वसूली रही।
तीसरी तिमाही में प्रावधान 2,585 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 4,555 करोड़ रुपये रहा था। दिसंबर तिमाही में प्रावधान कवरेज अनुपात 86.51 फीसदी रहा।
बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी पदमजा चुंडरू ने कहा कि बढ़त को सहारा देने के लिए बैंक सही तरह से पूंजीकृत है और अभी उसे पूंजी की दरकार नहीं है। उन्होंंने कहा कि बैंक के निदेशक मंडल ने इक्विटी के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो मुख्य रूप से सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने के लिए है।
एसबीआई लाइफ का शुद्ध लाभ घटा
बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 40 फीसदी घटकर 232.85 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 389.77 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
तिमाही के दौरान दमदार निवेश आय और प्रीमियम आय के बावजूद मुनाफे को झटका लगा। तिमाही के दौरान बीमा कंपनी की शुद्ध ब्याज आय 17.71 फीसदी बढ़कर 13,766.49 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11,694.51 करोड़ रुपये रही थी। इसी प्रकार निवेश से होने वाली आय 213 फीसदी बढ़कर 12,776.49 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 4,073.26 करोड़ रुपये रही थी।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 4 फीसदी बढ़कर 920 करोड़ रुपये हो गया। जबकि इस दौरान उसकी शुद्ध हैसियत 19 फीसदी बढ़कर 10,130 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान बीमा कंपनी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 28 फीसदी बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
जेएसडब्ल्यू स्टील का शुद्घ लाभ कई गुना बढ़ा
जेएसडब्ल्यू स्टील ने वित्त वर्ष 2020-2021 की तीसरी तिमाही में 2,669 करोड़ रुपये के समेकित शुद्घ लाभ दर्ज किया है। यह कंपनी द्वारा पूर्ववर्ती वित्त वर्ष की समान अवधि में दर्ज किए गए 187 करोड़ रुपये के समेकित मुनाफे के मुकाबले कई गुना ज्यादा है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान समेकित कुल आय 22,006 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 18,181 करोड़ रुपये थी। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 4.37 प्रतिशत गिरकर 375.60 रुपये पर बंद हुआ।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने इस्पात क्षेत्र के बारे में मजबूत नजरिया प्रकट करते हुए कहा, ‘मजबूत आर्थिक रफ्तार की मदद से भारतीय इस्पात मांग बढ़ी है। घरेलू इस्पात मिलों ने इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए निर्यात में बड़ी कमी की है।’
कंपनी ने यह भी कहा है कि वह जल्द ही कई परियोजनाएं शुरू करेगी। कंपनी ने कहा है, ‘डोल्वी संयंत्र की क्षमता मौजूदा 50 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 1 करोड़ टन सालाना पर लाने से जुड़ी परियोजना पूरी होने के करीब है और इसमें ज्यादातर परिचालन चालू तिमाही में शुरू हो जाएगा। पूरी तरह परिचालन वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में होने लगेगा।’