यस बैंक में डेरिवेटिव लेन-देन से संबंधित विवाद को लेकर उसके एक ग्राहक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर ने उस ग्राहक के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतनी जानकारी दी कि उस ग्राहक ने साल 2007 के नवंबर महीने में मामला दर्ज कराया था।
कपूर ने बताया कि मामले के निपटारे के लिए बैंक उस ग्राहक के साथ अदालत के बाहर समझौता करने के लिए बातचीत कर रहा है।बीते दिनों चौथी तिमाही के परिणाम आने के बाद कपूर ने कहा कि अभी तक के इतिहास में बैंक में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित कोई भी गलती नहीं हुई है।
कपूर ने बताया, ‘बैंक के पास 17 करोड़ रुपये का आकस्मिक पूंजी प्रावधान है। बैंक जिस वातावरण में अपना परिचालन करता है उसी के अनुरूप आकस्मिक कोष की व्यवस्था की गई है। इस तरह का प्रावधान किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं होता है बल्कि यह राशि भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए होती है।’