facebookmetapixel
ITR फाइल तो कर दिया, लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला? जानें किन-किन वजहों से अटकता है पैसाFMCG, कपड़ा से लेकर ऑटो तक… GST कटौती से क्या कंजम्पशन फंड्स बनेंगे निवेश का नया हॉटस्पॉट?Income Tax: क्या आपको विरासत में मिले सोने पर भी टैक्स देना होगा? जानें इसको लेकर क्या हैं नियमTop-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिटर्नभारत-इजरायल ने साइन की बाइलेट्रल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी, आर्थिक और निवेश संबंधों को मिलेगी नई मजबूतीभारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरार

डेरिवेटिव लपेटे में: यस बैंक

Last Updated- December 05, 2022 | 9:17 PM IST

यस बैंक में डेरिवेटिव लेन-देन से संबंधित विवाद को लेकर उसके एक ग्राहक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।


यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर ने उस ग्राहक के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतनी जानकारी दी कि उस ग्राहक ने साल 2007 के नवंबर महीने में मामला दर्ज कराया था।


कपूर ने बताया कि मामले के निपटारे के लिए बैंक उस ग्राहक के  साथ अदालत के बाहर समझौता करने के लिए बातचीत कर रहा है।बीते दिनों चौथी तिमाही के परिणाम आने के बाद कपूर ने कहा कि अभी तक के इतिहास में बैंक में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित कोई भी गलती नहीं हुई है।


कपूर ने बताया, ‘बैंक के पास 17 करोड़ रुपये का आकस्मिक पूंजी प्रावधान है। बैंक जिस वातावरण में अपना परिचालन करता है उसी के अनुरूप आकस्मिक कोष की व्यवस्था की गई है। इस तरह का प्रावधान किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं होता है बल्कि यह राशि भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए होती है।’

First Published - April 11, 2008 | 11:48 PM IST

संबंधित पोस्ट