निजी क्षेत्र के ऋणदाता लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के विवाद का पटाक्षेप करते हुए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एलवीबी पर एक महीने के लिए पाबंदियां लगा दी हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने एलवीबी के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया और जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा लगा दी है। आरबीआई के आदेश के मुताबिक हरेक जमाकर्ता अधिकतम 25,000 रुपये तक की ही निकासी कर सकता है। निकासी की सीमा 16 दिसंबर तक लागू रहेगी। इसके साथ ही आरबीआई ने डीबीएस बैंक की भारतीय इकाई डीबीएस बैंक इंडिया के साथ एलवीबी के विलय की योजना का खाका भी पेश किया।
बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होने के कारण आरबीआई की सलाह पर सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि विश्वसनीय पुनरुद्घार योजना के अभाव में जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और वित्तीय एवं बैंकिंग स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए सरकार के पास इस कदम को उठाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। केंद्र सरकार ने बैंकिग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45 के अंतर्गत लक्ष्मी विलास बैंक पर पाबंदियां लगाई हैं। आरबीआई ने कहा कि आज से 30 दिन के लिए बैंक पर पाबंदी लगार्ई गई है। इसके तहत एलवीबी भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना जमाकर्ताओं को 25,000 रुपये की तय सीमा से अधिक राशि का भुगतान नहीं कर सकता है। यह सीमा बचत, चालू तथा अन्य सभी प्रकार के खातों पर लागू होगी।
रोजमर्रा के कामकाज को देखने के लिए केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
इस बीच, आरबीआई ने एलवीबी के डीबीएस बैंक की भारतीय इकाई डीबीएस बैंक इंडिया के साथ विलय योजना का खाका भी सार्वजनिक किया। समझा जाता है कि डीबीएस बैंक इंडिया एलवीबी में अग्रिम तौैर पर 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी लगाएगा।
लक्ष्मी विलास बैंक लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रहा है। पिछले साल उसने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के साथ विलय की योजना बनाई थी। लेकिन आरबीआई ने इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ उसके विलय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बाद एलवीबी ने क्लिक्स समूह के साथ एकीकरण पर बातचीत शुरू की। जून, 2020 में उसने क्लिक्स समूह के साथ एकीकरण के लिए गैर-बाध्यकारी करार भी किया था लेकिन अब तक बात आगे नहीं बढ़ पाई थी और इस बीच बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इसके बाद ही आरबीआई को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की रीफ्रेमिंग कर रही एयरटेल
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल ने सभी 10 दूरसंचार सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 4जी तकनीक लगाना शुरू कर दिया है। कंपनी पहले इस बैंड का इस्तेमाल 2जी सेवाओं में कर रही थी। कंपनी का लक्ष्य घरों के अंदर कवरेज को बेहतर बनाना है। एक सूत्र ने कहा कि छह सर्किलों दिल्ली, कोलकाता, आंध्र प्रदेश, उत्तर पूर्व, कर्नाटक और राजस्थान में 4जी सेवाओं के लिए 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड की रीफ्रेमिंग का काम चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी अधिक से अधिक सर्किलों में यह करेगी। भारती एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहले ही देश भर में 3जी को बंद कर दिया है और 4जी के लिए सभी 3जी स्पेक्ट्रम को रीफ्रेम किया है। भाषा