सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी वेतन में बढ़ोतरी को अपने और कंपनी के प्रदर्शन से जोड़े जाने के फैसले से नाराज हैं। सरकार ने वेतन में अगले बदलाव को कर्मचारियों व कंपनी के प्रदर्शन से जोड़ने का फैसला किया है, जो 22 अगस्त 2022 से बकाया है।
कर्मचारी संगठन सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने इस सप्ताह प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। दीपावली के बाद वे इस मसले को लेकर अपनी चिंता वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष रखने पर भी विचार कर रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के वेतन में बदलाव हर 5 साल पर किया जाता है। पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की 4 सामान्य बीमा कंपनियों के वेतन में 12 प्रतिशत की औसत बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो अगस्त 2017 से लागू होगा। यह उन सभी पर लागू होगा, जो कंपनी में कार्यरत थे।
अधिकारियों व कर्मचारियों को 5 साल का एरियर भी मिलेगा। जनरल इंश्योरेंस इंप्लाइज आल इंडिया एसोसिएशन (जीआईईएआईए) के सचिव त्रिलोक सिंह ने कहा, ‘हमने वेतन वृद्धि का 64 माह तक इंतजार किया। उन्होंने 12 प्रतिशत बढ़ोतरी की है, जबकि एलआईसी के कर्मचारियों की 16 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।’
अगला बदलाव अगस्त 2022 से बकाया है, जिसे सरकार की अधिसूचना के मुताबिक वैरिएबल पे के रूप में कंपनी और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा गया है। कर्मचारी संगठन इस पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि वेतन में बदलाव को प्रदर्शन से जोड़ने का सरकार का फैसला 4 सार्वजिक बीमा कंपनियों की वित्तीय सेहत से संचालित हो सकता है। न्यू इंडिया एश्योरेंस एकमात्र सरकारी जनरल बीमाकर्ता है, जो सूचीबद्ध है। इसके मुनाफे में वित्त वर्ष 21 के 1,604.69 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 22 में 164.27 करोड़ रुपये गिरावट आई है।
