भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी खुदरा भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये चालू वित्त वर्ष में अब तक हुए लेनदेनों का कुल मूल्य 76 लाख करोड़ रुपये है जबकि वित्त वर्ष 2021 में यूपीआई पर हुए लेनदेनों का कुल मूल्य करीब 41 लाख करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि शीघ्र यूपीआई लेनदेन का मूल्य 100 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचेगा।
फीचर फोनों के लिए यूपीआई को लॉन्च करने के अवसर पर बोलते हुए दास ने कहा, ‘विगत कुछ वर्षों में देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था समृद्घ हुई है और यूपीआई ने इस प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभाई है। फरवरी महीने में यूपीआई से 4.53 अरब लेनदेन हुए जिसका मूल्य 8.26 लाख करोड़ रुपये रहा।’
देश में खुदरा डिजिटल भुगतानों के लिए एक छत्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक यूपीआई के माध्यम से 40.49 अरब से अधिक लेनदेन हुए हैं। यह वित्त वर्ष 2021 में यूपीआई पर संख्या के लिहाज से दर्ज लेनदेन से करीब दोगुना है जिससे देश में डिजिटल भुगतानों विशेष तौर पर यूपीआई को अपनाने की दर में वृद्घि के संकेत मिलते हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष पूरा होने में एक महीने का समय शेष रहते ही यूपीआई ने एनपीसीआई के मुख्य कार्याधिकारी द्वारा वित्त वर्ष 2022 के लिए 40 अरब लेनदेन तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कैलेंडर वर्ष 2021 में यूपीआई के जरिये 38 अरब लेनदेन किए गए थे जिनका मूल्य 71.59 लाख करोड़ रुपये रहा।
एनपीसीआई ने अगले 3 से 5 वर्ष में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर रोजाना 1 अरब लेनदेन का लक्ष्य रखा है।
एनपीसीआई के मुख्य कार्याधिकारी दिलीप अब्से ने कहा, ‘अगले 3 से 5 वर्ष में इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वाभाविक है कि हम 3 शून्य के दृष्टिकोण को अपनाएं। पहले शून्य से आशय है प्रणाली को संपर्करहित बनाना, दूसरे शून्य का मतलब है यूपीआई लेनदेन में लगने वाले समय को नकद लेनदेन से भी तेज करना और तीसरे शून्य का मतलब है ग्राहकों के लिए शून्य लागत। यदि ये तीनों शून्य एक साथ आ जाते हैं तो अगले 3 से 5 वर्ष की अवधि में रोजाना 1 अरब लेनदेन होना शुरू हो जाएगा।’ लेनदेन के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि यूपीआई के जरिये 50 फीसदी लेनदेन 200 रुपये से नीचे के थे जिससे इसकी सफलता के संकेत मिलते हैं क्योंकि यूपीआई के शुरुआती उद्देश्यों में से एक कम मूल्य के लेनदेनों के लिए नकदी का स्थान हासिल करना था।
यूपीआई फीचर फोन
देश में डिजिटल भुगतानों को अपनाने के दायरे में और अधिक विस्तार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज 40 करोड़ फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लॉन्च किया।
केंद्रीय बैंक के इस कदम से देश में यूपीआई का और अधिक लोकतांत्रीकरण सुनिश्चित होगा और समाज में आर्थिक तौर पर निचले वर्ग से संबंधित लोगों को शामिल करने से डिजिटल भुगतान पहले से अधिक समावेशी बनेगा।
फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई का नाम यूपीआई123पे होगा। इसमें यूपीआई के लगभग वे सभी फीचर होंगे जो स्मार्टफोन में होते हैं। इसमें आईवीआर संख्या के जरिये यूपीआई भुगतान, ऐप कार्यक्षमता, मिस्ड कॉल आधारित दृष्टिकोण और करीबी आवाज आधारित भुगतान जैसे विभिन्न डिजिटल समाधान होंगे।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल फीचर फोनों पर यूपीआई का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन लेकिन प्रक्रिया यूएसएसडी आधारित होने से यह बहुत जटिल है। इसके परिणामस्वरूप इसमें कोई उल्लेखनीय प्रगति नजर नहीं आएगी। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि यूपीआई123पे अंतर को भरेगा और डिजिटल भुगतानों तथा यूपीआई को अगले स्तर पर ले जाएगा।
देश में मोटे तौर पर 118 करोड़ मोबाइल फोन उपयोगकर्ता हैं जिनमें से 78 करोड़ स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं और बाकी के पास फीचर फोन है। ऐसे में फीचर फोन इस्तेमाल करने वाली एक बड़ी आबादी के पास डिजिटल भुगतानों के मोर्चे पर सीमित विकल्प थे।
फीचर फोन उपयोगकर्ता अब पी2पी भुगतान, उपयोगिता बिल भुगतान, एनईटीसी फास्टैग रीचार्ज, मोबाइल रीचार्ज, मोबाइल बिलों तथा डीटीएच का भुगतान जैसे विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन करने के साथ साथ बैंक खाता जोडऩे, यूपीआई पिन बनाने के साथ साथ खाते में जमा रकम की जानकारी आदि लेने में सक्षम होंगे।
इसके अलावा, फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई को सक्षम करने से एनपीसीआई को रोजाना 1 अरब लेनदेन पर पहुंचने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। साथ ही, कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने के रिजर्व बैंक के उद्देश्य को बढ़ावा मिलेगा।
रवि शंकर ने कहा, ‘देश में 40 करोड़ फीचर फोन उपयोगकर्ता हैं और उनके लिए विकल्प बहुत ही सीमित हैं। इस बात पर गौर करने के बाद किलेनदेनों की संख्या में पांच गुने की वृद्घि में बड़ा योगदार यूपीआई का है यह महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि यदि विकास के अगले चरण में हमें जाना है तो हमें ऐसे उपायों पर विचार करना होगा जिसमें यूपीआई को ऑफलाइन तरीके से और फीचर फोनों के लिए उपलब्ध कराया जा सके।’
रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई द्वारा स्थापित डीजीसाथी नाम का एक हेल्पलाइन भी लॉन्च किया जिस पर किसी भी समय कॉल करने पर कॉल करने वाले को वेबसाइट और चैटबॉट सुविधा के जरिये डिजिटल भुगतान संबंधी उनकी सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा।