केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया है, वहीं गवर्नर शक्तिकांत दास और डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्र को लेकर फैसले का इंतजार है, जिनका कार्यकाल क्रमशः दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में पूरा होने जा रहा है।
दिसंबर 2021 में दास का कार्यकाल 3 साल के लिए बढ़ाया गया था, जो दिसंबर 2024 में पूरा होने वाला है। दास को शुरुआत में दिसंबर 2018 में 3 साल के लिए नियुक्त किया गया था। वहीं डिप्टी गवर्नर के रूप में पात्र का दूसरा कार्यकाल विस्तार जनवरी 2025 में पूरा होने वाला है। इसके पहले उन्हें जनवरी 2024 तक के लिए एक साल कार्यकाल का विस्तार दिया गया था, और उसके पहले उन्होंने जनवरी 2020 से जनवरी 2023 तक का 3 साल का कार्यकाल पूरा किया था।
पात्र शुरुआत से ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) से जुड़े रहे हैं। शुरुआत में वह सेंट्रल बोर्ड के नामित सदस्य थे, जब वह कार्यकारी निदेशक थे। इस समय वह मौद्रिक नीति के डिप्टी गवर्नर इंचार्ज के रूप में काम कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक में इस समय 4 डिप्टी गवर्नर हैं, जिसमें पात्रा सहित राव, टी रविशंकर और स्वामीनाथन जे शामिल हैं। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट की नियुक्ति समिति राव का कार्यकाल बढ़ाया था।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में रिजर्व बैंक के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल (दिसंबर 2018 से) में 311 अरब डॉलर की बढ़त हुई है। यह अब तक किसी गवर्नर के कार्यकाल में मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी वृद्धि है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 700 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।
चीन, जापान और स्विटजरलैंड के बाद विदेशी मुद्रा भंडार के आकार के मामले में भारत चौथे स्थान पर है। चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 81.7 अरब डॉलर बढ़ा है। दास के बाद वाईवी रेड्डी के कार्यकाल ( सितंबर 2003 से सितंबर 2008 के दौरान) भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 200.5 अरब डॉलर की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई थी। दास के कार्यकाल में रुपया 16.83 प्रतिशत गिरा है।