वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी (S&P ) ने आज कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से सुधार हो रहा है। संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार बरकरार रहेगा और बैंकिंग क्षेत्र की लाभप्रदता भी बढ़िया तरीके से स्थिर रहने की उम्मीद है।
ऋणदाताओं ने एक दशक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) में क्रेडिट विश्लेषक दीपाली सेठ छाबरिया ने कहा, ‘भारतीय बैंकों की आय अच्छी बनी रहने की उम्मीद है। पिछले सात वर्षों में इस क्षेत्र में काफी सुधार आया है।’
भारतीय बैंकों के मुनाफे में तेजी की मुख्य वजह शुद्ध ब्याज मार्जिन ज्यादा और उधारी की लागत कम होना है। वित्त वर्ष 2023 में बैंकिंग तंत्र की औसत परिसंपत्ति पर रिटर्न (ROAA) 1.2 फीसदी रहा। चालू वित्त वर्ष के लिए आरओएए करीब 1.1 फीसदी रह सकता है।
एसऐंडपी ग्लोबल रेंटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने कहा, ‘ब्याज दरें अधिक रहने के बावजूद नई गैर निष्पादित ऋणों का स्तर काफी कम है। इसके साथ ही बट्टे खाते में डाली गई रकम की वसूली से भी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।’
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भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन से बैंकिंग क्षेत्र को भी बढ़ावा मिल रहा है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि कम से कम 2026 तक देश की सालाना वृद्धि दर 6-7 फीसदी रहेगी, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनाता है।