वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत में फिनटेक को अपनाने की दर 87 फीसदी के साथ सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुकी है जबकि इसका वैश्विक औसत 64 फीसदी है। इससे पता चलता है कि डिजिटल भुगतानों और गतिविधियों के लिए भारत एक प्रमुख गंतव्य है।
वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में जबरदस्त वृद्घ देखी गई है। 2019 में जहां 2 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल लेनदेन हुए वहीं 2020 में यह बढ़कर 4 लाख करोड़ पर पहुंच गया। इस वर्ष जनवरी से अगस्त के आठ महीनों में इसमें और अधिक वृद्घि देखी गई है और डिजिटल लेनदेन 6 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसमें व्यक्तिगत लेनदेन की संख्या 355 करोड़ रुपये की रही। इससे डिजिटल परितंत्र में उपयोगकर्ताओं, उद्योग और सरकार की ओर से बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी करने का पता चलता है।
उन्होंने ये बातें ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए कही। इस फेस्ट का आयोजन फिनटेक कंवर्जेंस काउंसिल (एफसीसी) और पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई), काउंसिल ऑफ इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के साथ मिलकर किया है।
उन्होंने कहा, ‘फिनटेक स्टार्टअप खुद में बदलाव कर रही हैं और अपने को नए स्वरूप में ढाल कर भविष्यों की तकनीकों के लिए खुद को तैयार कर रही हैं जिससे भारत फिनटेक का गंतव्य बन रहा है। भारत में एक ओर जहां फिनटेक कंपनियां तीव्र गति से नवाचार को बढ़ावा दे रहीं है तो दूसरी तरफ उपयोगकर्ताओं में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाने की बेचैनी नजर आ रही है।’
वित्त मंत्री ने ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में जिम्मेदार डिजिटल भुगतानों के लिए यूएन सिद्घांतों का भी अनावरण किया और इस अवसर पर कहा कि यूएन के सिद्घांत सही समय पर आ रहे हैं जब दुनिया भर के देश अपनी अधिकतम आबादी तक तकनीक को पहुंचाने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।