भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने धन के सीमांत लागत पर उधारी दर (MCLR) में 10 आधार अंक की बढ़ोतरी की है, जो 15 फरवरी से लागू हो गई है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा पिछले सप्ताह रीपो रेट में 25 आधार अंक बढ़ोतरी करने के बाद यह फैसला किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई से प्रमुख नीतिगत दर रीपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और रीपो रेट अब 6.50 प्रतिशत हो गया है। केंद्रीय बैंक महंगाई के खिलाफ सख्त रुख बनाए रखने और रुख में कोई नरमी न करने का इरादा जताया है।
SBI की वेबसाइट के मुताबिक ओवरनाइट MCLR अब 7.95 प्रतिशत, एक माह और 3 माह का MCLR 8.10 प्रतिशत और 6 माह का MCLR 8.40 प्रतिशत है। एक साल का MCLR 8.50 प्रतिशत हो गया है, जबकि 2 साल और 3 साल का MCLR क्रमशः 8.60 और 8.70 प्रतिशत है।
SBI ने घरेलू खुदरा सावधि जमा (FD) पर ब्याज दरों में 5 से 25 आधार अंक की बढ़ोतरी की है, जो अलग अलग समयावधि के हिसाब से है। एक साल से ज्यादा और 2 साल से कम के लिए 2 करोड़ रुपये तक जमा और 2 साल से ज्यादा और 3 साल से कम जमा पर ब्याज दर क्रमशः 6.80 प्रतिशत और 7 प्रतिशत है। इसी तरह से 3 साल से ज्यादा समय के लिए जमा पर ब्याज दर 6.59 प्रतिशत है, जो पहले 6.25 प्रतिशत थी।
सरकारी बैंक ने भारी जमा (2 करोड़ रुपये और इससे ऊपर) पर ब्याज 25 से 50 आधार अंक बढ़ाया है, जो 15 फरवरी यानी आज से लागू हो गया है। भारी जमा दरें अब 4.75 से 6 प्रतिशत के बीच हैं, जो विभिन्न समयावधि के मुताबिक अलग-अलग होंगी।