facebookmetapixel
Year Ender: भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 2025 चुनौतियों और उम्मीदों का मिला-जुला साल रहानवंबर में औद्योगिक उत्पादन 25 महीने में सबसे तेज बढ़ा, विनिर्माण और खनन ने दिया बढ़ावाBPCL आंध्र प्रदेश रिफाइनरी में 30-40 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को बेचेगी, निवेश पर बातचीत शुरूकेंद्र ने रिलायंस और बीपी से KG-D6 गैस उत्पादन में कमी के लिए 30 अरब डॉलर हर्जाने की मांग कीRBI की रिपोर्ट में खुलासा: भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत, लेकिन पूंजी जुटाने में आएगी चुनौतीकोफोर्ज का नया सौदा निवेशकों के लिए कितना मददगार, ब्रोकरेज की रायें मिली-जुली2025 में निजी बैंकों में विदेशी निवेश की बढ़त, फेडरल और येस बैंक में भारी पूंजी आईGold-Silver Price: मुनाफावसूली से ​शिखर से लुढ़की चांदी, सोने के भाव में भी आई नरमीRBI ने माइक्रोफाइनैंस लोन पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए निगरानी बढ़ाने का दिया संकेतघरों की मांग और कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते NCR के बाहर के डेवलपर बढ़ा रहे गुरुग्राम में अपनी पैठ

डॉलर के मुकाबले रुपया 49.13 के स्तर पर आया

Last Updated- December 08, 2022 | 11:00 AM IST

आज के शुरुआती कारोबार के दौरान अमरीकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 35 पैसे की कमजोरी दर्ज की गयी।
आयातकों द्वारा डॉलर की बढ़ती मांग और वर्ष के अंत में एशियाई मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले कमजोरी एवं घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के चलते विदेशी फंडों में बढ़ते पूंजी प्रवाह के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया लुढ़क गया।
अंतरबैंकीय विदेशी मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान घरेलू मुद्रा अमरीकी मुद्रा के मुकाबले 49.13 के स्तर पर पहुंच गई। कल बंद हुए कारोबार के दौरान रुपया 48.76/78 के स्तर पर आ गया था, जिसमें आज 35 पैसे की और कमजोरी आ गई।
विदेशी मुद्रा के डीलरों का कहना है, "एशियाई मुद्राओं के बास्केट के मुकाबले डॉलर की मजबूती का अहम कारण यह है कि आयातकों की ओर से डॉलर की मांग में तेजी आई है और अमरीका में तेल की मांग बढ़ी है एवं साथ ही एशियाई शेयर बाजारों में लगातार गिरावट का रुख जारी है, ऐसे में भारतीय रुपया काफी दबाव में आ गया।"

First Published - December 24, 2008 | 12:57 PM IST

संबंधित पोस्ट