अक्टूबर में यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से 4 अरब लेन-देन हुआ है, जो इस भुगतान प्लेटफॉर्म का अब तक का रिकॉर्ड है। त्योहारों के मौसम के खर्च ने इसे गति दी है। मूल्य के हिसाब से देखें तो इस प्लेटफॉर्म से 100 अरब डॉलर या 7.71 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का लेन-देन अक्टूबर में हुआ है, यह भी रिकॉर्ड उचच्च स्तर है।
सितंबर में यूपीआई के माध्यम से 6.5 लाख करोड़ रुपये का 3.65 अरब ट्रांजैक्शन हुआ था। मासिक आधार पर देखें तो यूपीआई से लेन-देन में अक्टूबर महीने में मात्रा के आधार पर 15 प्रतिशत और मूल्य के आधार पर 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। और अगर पिछले साल के समान महीने से तुलना करें तो मूल्य और मात्रा दोनों आधार पर लेन-देन दोगुने से ज्यादा हो गया है और करीब 100 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
2016 में पेश यूपीआई की स्वीकार्यता बहुत तेजी से बढ़ी है और कोविड-19 के संक्रमण के बाद इसकी रफ्तार बहुत तेज हो गई। अक्टूबर 2019 मेंं पहली बार लेन-देन का आंकड़ा 1 अरब के पार पहुंचा। वहीं अगला 1 अरब ट्रांजैक्शन एक साल के भीतर हो गया।
अक्टूबर, 2020 मेंं यूपीआई के माध्यम से पहली बार 2 अरब लेन-देन का आंकड़ा पार हुआ। उसके बाद 2 अरब से 3 अरब की यात्रा 10 महीने में पूरी हुई। इससे खुदरा डिजिटल भुगतान करने में ग्राहकों के बीच यूपीआई की लोकप्रियता के संकेत मिलते हैं।
लेन-देन 3 अरब से 4 अरब पहुंचने में महज 3 महीने लगे, जिससे पिछले 18 महीने में इसकी लोकप्रियता का पता चलता है। जुलाई से आंकड़े देखें तो लगातार 3 महीने हर माह 3 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए हैं। अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और त्योहारों का मौसम चल रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही लेन-देन 4 अरब को छू जाएगा।
हाल ही में एनपीसीआई के सीईओ दिलीप असबे ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि इस साल यूपीआई से ट्रांजैक्शन 40-42 अरब पहुंच सकता है, जो पिछले साल 22 अरब था।
अन्य लोकप्रिय भुगतान प्लेटफॉर्म इमीडिएट पेमेंट्स सर्विसेज (आईएमपीएस) से लेन-देन भी मूल्य व मात्रा के हिसाब से अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है। अक्टूबर में आईएमपीएल से 43.067 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए हैं, जिनका मूल्य 3.7 लाख करोड़ रुपये रहा है।
फास्टैग में तेजी
फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह भी अक्टूबर में 21.423 करोड़ लेन-देन में रिकॉर्ड 3,356 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पिछले महीने की तुलना में संख्या के हिसाब से 10.7 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 11 प्रतिशत ज्यादा है। सितंबर में फास्टैग संग्रह 19.36 करोड़ लेन-देन में 3,000 करोड़ रुपये रहा था। वहीं अगस्त में यह 20.12 करोड़ लेन-देन में 3,076.56 करोड़ रुपये रहा था।
