facebookmetapixel
RBI ने बैंकों को डेबिट कार्ड, लेट पेमेंट और मिनिमम बैलेंस फीस घटाने का दिया निर्देश, ग्राहकों को राहत देने की कोशिशPharma stock: 30 दिन में 11% रिटर्न का मौका, ब्रोकरेज ने दिया ₹1032 का टारगेटVodafone Idea: टूटते बाजार में भी 12% से ज्यादा उछला टेलीकॉम शेयर, AGR मामले पर आया बड़ा अपडेटDefence Stock: 6 महीने में रिटर्न कमाकर देगा ये स्टॉक! ब्रोकरेज ने ₹467 का टारगेट प्राइस किया तयहाई से 43% नीचे मिल रहा है ये Smallcap Stock, शॉर्ट टर्म चुनौतियों के बावजूद ब्रोकरेज पॉजिटिव; कहा- अब खरीदोबढ़ती बुक वैल्यू के दम पर SBI Stock बनेगा रॉकेट! ₹1,025 तक के टारगेट के लिए ब्रोकरेज ने दी BUY रेटिंगEuro Pratik Sales IPO के लिए अप्लाई किया था? कैसे चेक करें Allotment, फुल स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस यहां जानेंApple iPhone 17 भारत में लॉन्च: कहां से कर सकते हैं खरीद; जानें कीमत, फीचर्स और ऑफर्सSaatvik Green Energy IPO: सोलर कंपनी का ₹900 करोड़ का इश्यू खुला, जानिए क्या करती है कंपनी; सब्सक्राइब करें या नहीं ?नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9% बढ़कर ₹10.82 लाख करोड़, रिफंड में गिरावट का असर

जमा राशि निकालने पर नजर, नकदी अनुपात ढांचे की होगी समीक्षा: RBI

Cash Reserve Ratio: आरबीआई ने बैंकों के नकदी जोखिम के बेहतर प्रबंधन के लिए एलसीआर ढांचे में चुनिंदा बदलाव किए हैं।

Last Updated- April 05, 2024 | 11:09 PM IST
Reserve Bank of India, RBI MPC Meet Highlights

डिजिटल बैंकिंग चैनल के जरिये अचानक से बड़े पैमाने पर जमा राशि निकाले जाने के कारण आरबीआई ने बैंकों के नकदी अनुपात ढांचे की समीक्षा करने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक शीघ्र ही इस बारे में लोगों की राय जानने के लिए मसौदा परिपत्र जारी करेगा।

नकदी कवरेज अनुपात (एलसीआर) के तहत आने वाले बैंकों को उच्च गुणवत्ता वाली तरल परिसंपत्तियों (एचक्यूएलए) का स्टॉक कायम रखना होता है, ताकि अगले 30 कैलेंडर दिनों में अपे​क्षित शुद्ध नकदी बहिर्प्रवाह को संभाला जा सके।

वैधानिक नकदी अनुपात के लिए पात्र प्रतिभूतियों में केंद्र और राज्य के बॉन्ड शामिल हैं। इन प्रतिभूतियों को एलसीआर की गणना के लिए एचक्यूएलए के रूप में गिना जाता है। बैंकों को 100 फीसदी एलसीआर बनाए रखना होगा।

आरबीआई ने बैंकों के नकदी जोखिम के बेहतर प्रबंधन के लिए एलसीआर ढांचे में चुनिंदा बदलाव किए हैं।

आरबीआई ने कहा, ‘दबाव की स्थिति में डिजिटल चैनल के जरिये जमाकर्ताओं के त्वरित ढंग से धन निकालने या स्थानांतरण किया गया था। ऐसे उभरते जोखिमों से निपटने के लिए एलसीआर ढांचे में कुछ बदलाव किए जाए।’

कई क्षेत्रों में हाल में ऐसे प्रकरण देखे गए जिसमें जमाकर्ताओं की दबाव के समय डिजिटल बैंकिंग चैनलों का इस्तेमाल करते हुए तेजी से जमा निकाले या हस्तांतरित करने की क्षमता बढ़ी है।

First Published - April 5, 2024 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट