भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को कराई गई वीआरआरआर नीलामी की बैंकों की ओर से मांग सुस्त रही है। बाजार को उम्मीद थी कि नीलामी की राशि 2 लाख करोड़ रुपये रहेगी, लेकिन उम्मीद से अधिक राशि होने के कारण रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित राशि की तुलना में बोली कम लगी। इसके अलावा आने वाले दिनों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए धन निकासी को देखते हुए बैंकों ने अपने पास धन बनाए रखने को तरजीह दी है।
नीलामी में केंद्रीय बैंक को 1.51 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली, जबकि अधिसूचित राशि 2.5 लाख करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक ने 5.49 प्रतिशत कट-ऑफ रेट पर पूरी राशि स्वीकार कर ली।
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘बाजार 2 लाख करोड़ रुपये की नीलामी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन यह राशि उम्मीद से ज्यादा थी। बैंक अपने पास कुछ अधिशेष बनाए रखने को इच्छुक थे। इसके अलावा जीएसटी के लिए निकासी भी होने वाली है। ऐसे में बैंक अपना धन 7 दिन के लिए जमा करने को लेकर सुस्त थे। इसकी वजह से नीलामी में भागीदारी कम रही है।’ रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को बैंकिंग व्यवस्था में अधिशेष नकदी 3.15 लाख करोड़ रुपये थी।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि ओवरनाइट दरें अब नीतिगत रीपो दर के निकट पहुंच गई हैं, ऐसे में आगे वीआरआरआर ऑपरेशन की संभावना सीमित नजर आ रही है। डब्ल्यूएसीआर 5.47 प्रतिशत पर कारोबार कर रहा था, जो 5.5 प्रतिशत रीपो रेट के नजदीक है।
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक का मकसद ओवरनाइट दर को 5.25 प्रतिशत से 5.50 प्रतिशत के बीच रखना है। अब यह इस सीमा में है। ऐसे में और वीआरआरआर नीलामी की जरूरत नहीं है।’ डब्ल्यूएसीआर मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य है, जिसे केंद्रीय बैंक रीपो दर के नजदीक रखना चाहता है।
एक सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘हम अगले शुक्रवार तक किसी वीआरआरआर नीलामी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। रिजर्व बैंक भी कर के लिए धन निकासी के दौरान नकदी खींचने से बचना चाहता है।’
बुधवार को 2 दिन की वीआरआरआर नीलामी में 97,315 करोड़ रुपये की बोली मिली थी, जबकि अधिसूचित राशि 1 लाख करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक ने 5.49 प्रतिशत कट-ऑफ रेट पर पूरी बोली स्वीकार कर ली थी, जो इसके 4 जुलाई को आयोजित 7 दिन की वीआरआरआर नीलामी के कटऑफ रेट 5.47 प्रतिशत से अधिक थी। 4 जुलाई की नीलामी में 1.7 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली थी।
व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी निकालने और कम अवधि की दरें नीतिगत रीपो दर के करीब रखने के लिए रिजर्व बैंक वीआरआरआर नीलामी करता है।