भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का केंद्रीय बोर्ड क्रिप्टोकरेंसी जारी करने और इसके नियमन पर 17 दिसंबर को लखनऊ में अपनी बैठक में विचार कर सकता है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने सोमवार को लोक सभा को सूचित किया था कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब में कहा, ‘क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल करेंसी के नियमन पर एक विधेयक तैयार किया जा रहा है, जिस पर मंत्रिमंडल विचार करेगा।’ हालांकि यह नहीं पता चल पाया कि क्रिप्टोकरेंसी के विषय को आरबीआई की बोर्ड बैठक के एजेंडे में रखा गया है या नहीं। मगर एक सूत्र ने कहा कि ‘यह एजेंडे में हो सकता है।’
आरबीआई के बोर्ड का एजेंडे से बाहर के मसलों पर विचार करना कोई नई बात नहीं है। बोर्ड का कोई भी सदस्य चेयरमैन- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की मंजूरी मांग सकता है और मुद्दा उठा सकता है। हाल में इसका एक प्रमुख उदाहरण भारतीय कंपनियों का एकबारगी ऋण पुनर्गठन था, जिस पर 25 जून 2020 को आरबीआई की बोर्ड बैठक में विचार किया गया। यह कोविड-19 महामारी फैलने के बाद पहली बैठक थी।
आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों ने क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख सार्वजनिक किया है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इस मुद्दे ने काफी रुचि पैदा की है, जिसे देखते हुए यह महत्त्वपूर्ण है कि इस पर बोर्ड के स्तर पर विचार किया जाए।’
केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) और आरबीआई द्वारा इसे जारी करने का जिक्र डिप्टी गवर्नर आर रवि शंकर ने 22 जुलाई को अपने भाषण में किया था। उन्होंने कहा, ‘सीबीडीसी पेश करने से नकदी पर निर्भरता घटने, कम लेनदेन लागत से अधिक सीनियोरेज, निपटान जोखिम में कमी जैसे कुछ अहम लाभ हो सकते हैं। सीबीडीसी पेश करने से ज्यादा मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, नियमित और वैध मुद्रा आधारित भुगतान विकल्प संभव हो पाएगा। निस्संदेह इससे कुछ जोखिम भी जुड़े हैं, लेकिन उनका संभावित लाभों के सापेक्ष सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना जरूरी है। जब हम भारत की सीबीडीसी की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो आरबीआई का प्रयास होगा कि ऐसे आवश्यक कदम उठाए जाएं, जो भुगतान प्रणाली में भारत की अगुआ स्थिति को मजबूत करें।’ लोक सभा बुलेटिन के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक (2021) आरबीआई की तरफ से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी तैयार करने के लिए मददगार ढांचा बनाएगा। इस विधेयक में भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर भी रोक लगाई गई है। हालांकि इसमें क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और उसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ निश्चित अपवादों को मंजूरी दी गई है। इसी 16 नवंबर को दास ने कहा, ‘जिस केंद्रीय बैंक को देश की वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है, जब वह व्यापक आंतरिक चर्चा के बाद कहता है कि हमारी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंताएं हैं…कि इसमें गहरे मुद्दे हैं तो इसे लेकर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।’
