इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बैंकों को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को त्वरित एवं आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए और अधिक उपाय करना चाहिए।
वैष्णव ने कहा कि छोटे उद्योगों, छोटे कारोबारियों और निचले तबके के लोगों को भी ऐसी ही सुविधाएं देने की दिशा में तेजी से प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘डिजिटल पेमेंट उत्सव’ में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की तरह ही त्वरित एवं निर्बाध भुगतान के लिए बैकों को नए तरीके खोजने की जरूरत है।
वैष्णव ने कहा, ‘आज बैंकों के पास आधार, डिजिलॉकर एवं यूपीआई के रूप में सूचनाओं का एक पुख्ता ढांचा उपलब्ध है। इसकी मदद से बैंक यह काम आसान बना सकते हैं। आप चुनौती पर अगले तीन महीनों तक काम करें और नतीजों के साथ सामने आएं। मैं आपके साथ इन पर चर्चा करने के लिए तैयार हूं।’
रविवार को कार्यक्रम के दौरान ‘पेमेंट्स ऑन द गो’ जैसी पहल की भी शुरुआत हुई। बैंक ऑफ बड़ौदा और सिटी यूनियन बैंक ने ्’रूपे-ऑन-द-गो’ और ‘इनक्लूसिव क्रेडिट फॉर ऑल’ की शुरुआत की। इसी तरह, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक-पंजाब नैशनल बैंक, कोटक बैंक, येस बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सिटी यूनियन बैंक ने रूपे प्रणाली के साथ ‘कॉप्टैक्टलेस क्रेडिट काड्र्स’ की शुरुआत की।
वित्त-तकनीक (फिनटेक) की विभिन्न कंपनियों, बैंकों और उनके साझेदारों ने 40 स्टॉल लगाए थे। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय वित्तीय प्रणाली में डिजिटल भुगतान को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए बैंकों, वित्तीय सेवा एवं वित्त-तकनीक क्षेत्र की कंपनियों के योगदान की सराहना की। चंद्रशेखर ने कहा कि इन इकाइयों ने डिजिटल रूप से सशक्त आत्मनिर्भर भारत के विकास में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत ने डिजिटल भुगतान खंड में तेजी से उपलब्धि हासिल कर रहा है और तकनीक के मामले में दक्ष देशों से पीछे नहीं रह गया है।’
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक अजय साहनी ने कहा कि सरकार देश में नकद लेनदेन की जगह डिजिटल भुगतान को अधिक से अधिक बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को कुशलता से आगे बढ़ाने के लिए देश में एक मजबूत एवं सुरक्षित भुगतान ढांचे की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘आधार के बाद सयूपीआई ने एक तरह से जादू कर दिया है। हमारी पहचान भी डिजिटल हो गई है अब जेब में इसके लिए कार्ड भी रखने की जरूरत नहीं रह गई है।’
