भारतीय रिजर्व रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की अतिरिक्त बैठक की घोषणा की है, जो रिजर्व बैंक अधियनियम के कुछ प्रावधानों के मुताबिक 3 नवंबर को होगी। यह बैठक चालू वित्त वर्ष में मौद्रिक नीति समिति की तय बैठक के अतिरिक्त होगी।
एमपीसी की अतिरिक्त बैठक की घोषणा से बाजार में अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि दरें तय करने वाली समिति बगैर चक्र के दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है, जैसा मई में किया गया था। बाजार में यह भी चर्चा है कि 3 नवंबर की बैठक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के एक दिन बाद रखी गई है, जिसमें फेडरल रिजर्व अपने नीतिगत बयान का ब्योरा प्रस्तुत करेगा।
बहरहाल रिजर्व बैंक की प्रेस विज्ञप्ति के शब्दों और एमपीसी द्वारा महंगाई दर पर काबू पाने में असफलता के आंकड़ों को देखते हुए ऐसा लगता है कि 3 नवंबर को होने वाली बैठक शुद्ध रूप से प्रक्रिया का हिस्सा है, जैसा कि महंगाई के लक्ष्य में असफल रहने की स्थिति में होता है। यह बैठक कुछ ऐसी है, जिसमें एमपीसी यह फैसला करेगी कि रिजर्व बैंक महंगाई दर पर काबू पाने में विफलता को लेकर सरकार से क्या कहेगा।
प्रेस विज्ञप्ति में रिजर्व बैंक ने कहा है कि 3 नवंबर को होने वाली बैठक भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 जेडएन और 27 जून, 2016 और 31 मार्च 2021 को जारी गज़ट अधिसूचना और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति और मौद्रिक नीति प्रक्रिया के नियम 7 के तहत होगी। संबंधित गजट अधिसूचना और नियमन के मुताबिक महंगाई का लक्ष्य हासिल कर पाने में एमपीसी की विफलता संबंधी कुछ अहम बातों को सूचीबद्ध किया जाएगा।
गजट में कहा गया है, ‘सामान्य नीतिगत प्रक्रिया के तहत समिति के सचिव एक अलग बैठक का आयोजन करेंगे, जिसमें महंगाई दर पर चर्चा और रिपोर्ट तैयार करने का काम होगा, जो अधिनियम की धारा 45 जेडएन के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।’इसमें कहा गया है, ‘महंगाई दर का लक्ष्य हासिल करने में असफलता की तिथि के एक महीने के भीतर रिजर्व बैंक द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी।’
12 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर एमपीसी की 2 से 6 प्रतिशत की सीमा से लगातार तीन तिमाहियों से बाहर है। रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति ढांचे के मुताबिक महंगाई का लक्ष्य पूरा करने में विफल रहने पर केंद्रीय बैंक की भेजी गई रिपोर्ट में विफलता की वजह, उपचार में उठाए जाने वाले कदम और महंगाई को लक्ष्य के भीतर लाए जाने की समय सीमा का उल्लेख रहेगा। रिजर्व बैंक का 4 प्रतिशत महंगाई दर का लक्ष्य है, जिसमें 2 प्रतिशत ऊपर या नीचे हो सकता है। केंद्रीय बैंक ने हाल में मीडिया से बात में संकेत दिया था कि महंगाई दर 4 प्रतिशत पर लाने में 2 साल लगेंगे।
