facebookmetapixel
Bihar Election 2025: बिहार में दूसरे चरण में रिकॉर्ड 67.14% मतदान, सीमांचल में हुईं भारी वोटिंगPhysicsWallah IPO: फिजिक्सवाला के आईपीओ को पहले दिन 7% सब्सक्रिप्शन, रिटेल इनवेस्टर्स से मिला तगड़ा रिस्पॉन्सStock Market: सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार उछाल! अमेरिका-भारत डील से बाजार में जोश7.6% ब्याज दर पर कार लोन! जानिए कौन सा बैंक दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरLenskart IPO Listing: अब क्या करें निवेशक? Buy, Sell या Hold?बैंक खाली हो रहे हैं! कहां जा रहा है पैसा?Torrent Power Q2 results: मुनाफा 50% बढ़कर ₹741.55 करोड़, रिन्यूएबल एनर्जी से रेवन्यू बढ़ाFY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरिया

लीमन ने शुरू की बकाये की अदायगी

Last Updated- December 10, 2022 | 7:35 PM IST

अमेरिकी निवेश बैंक लीमन ब्रदर्स ने दिवालियापन की अर्जी देने के 6 महीने के बाद अब भारतीय कंपनी के साथ अपने सौदे का निपटान शुरू कर दिया है।
हालांकि इनका निपटान पहले से तय की गई कीमतों से कम के स्तर पर यानी कुछ छूट के साथ हो रहा है। इनमें से अधिकांश सौदों में अब भी ऐसी बकाया राशि शामिल हैं जो कंपनी के अधिग्रहण या इसमें हिस्सेदारी खरीदने के तहत भुगतान किए जाने थे।
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2007 में लीमन ब्रदर्स ने ब्रिक्स सिक्योरिटीज के संस्थागत इक्विटी कारोबार का अधिग्रहण कर लिया था जिसमें 45 शोध विश्लेषक और कारोबारी पेशेवर शामिल थे। लीमन ने यह खरीदारी 450 करोड रुपये में की थी।
सौदे की शर्तों के तहत ब्रिक्स को ये रकम तीन किस्तों में अदा की जानी थी जिसमें तीसरी किस्त 120 करोड़ रुपये का था। सूत्रों ने कहा कि हाल में ही यह सौदा 25 फीसदी की छूट के साथ 91 करोड रुपये में पूरा हुआ है।
इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे एक सूत्र ने कहा कि ब्रिक्स को मजबूरन कम कीमत पर इस सौदे का निपटान करना पडा क्योंकि भुगतान को लेकर काफी अनिश्चितता जुड़ी हुई थी। इसके अलावा लीमन ब्रदर्स ने एडिलवाइस की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी ईसीएल फाइनैंस में भी 26 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी।
इस सौदे के पूरा होने में संदेह है क्योंकि इस सौदे की बकाया राशि का हाल तक भुगतान नहीं किया गया था। एडिलवाइस ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए ई-मेल का भी कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों का यह भी कहना है कि लीमन ब्रदर्स ने कुछ अन्य भारतीय कंपनियों के साथ 150 करोड रुपये का फाइनैंशियल कमिटमेंट भी किया है।

First Published - March 12, 2009 | 12:37 PM IST

संबंधित पोस्ट