भारतीय बैंकों ने भुगतान कारोबार में अपना आधार खोया है जिसका फायदा वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को हुआ है लेकिन अब जागने का समय आ गया है। यह बात कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी उदय कोटक ने कही।
कोटक इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) और ब्लूमबर्ग द्वारा आयोजित इनफिनिटी फोरम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का विषय था ‘फिनटेक बियोंड बाउंड्रीज- अ बैंकर्स प्रेस्पेक्टिव’। जहां तक डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने की बात है तो कोटक ने कहा कि भारतीय बैंक पीछे चल रहे हैं।
कोटक ने कहा, ‘भारतीय बैंकों ने यूनिफाइड पेमेंट्ïस इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान का विकास होने दिया और जाहिर तौर पर उसमें दो बड़ी कंपनियों- गूगल पे और फोनपे- का वर्चस्व है और उनकी बाजार हिस्सेदारी 85 फीसदी है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकों ने उस ओर जाने से अपने पैर वापस खींच लिए क्योंकि भुगतान में उन्हें कोई आय होने की उम्मीद नहीं थी।
कोटक ने कहा, ‘भारतीय बैंकों के लिए यह जागने का समय है। उठो! पारंपरिक वित्तीय बाजार का एक बड़ा हिस्सा खिसक रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान बैंकर कम दूरदर्शी रहे हैं। उनका एक ही जवाब था कि भुगतान में कोई कमाई नहीं है। इस प्रकार उन्होंने भुगतान बाजार में प्रभावी तौर पर दो-तीन कंपनियों का वर्चस्व होने दिया।’
उपभोक्ता प्रौद्योगिकी कंपनियों का राजस्व मॉडल वित्त से इतर है जैसे विज्ञान क्षेत्र में। हालांकि बैंकिंग नियम बैंकों को गैर-वित्तीय कारोबार से रोकते हैं। कोटक ने कहा, ‘ऐसे में यह एक गंभीर मुद्दा है कि अपनी रणनीति कैसे तैयार करें और इसके अलावा वित्तीय स्थायित्व को लेकर भी एक समस्या है। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि प्रतिस्पर्धी सेवाओं के नाम पर हमारे पास कोई प्रणालीगत और स्थायित्व की चुनौती नहीं है।’
फिनटेक कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म के जरिये जमा के लिए अनुमति दिए जाने के बारे में दिग्गज बैंकर ने कहा कि टर्मिनल के मोर्चे पर जोखिम यह है कि कौन जमा करा रहा है? क्या वह उपभोक्ता प्रौद्योगिकी कंपनी है जो स्पष्टï तौर पर सामने है। क्या वही ग्राहकों के पास जाकर उन्हें जमा के लिए प्रोत्साहित करती है? उस परिसंपत्ति में निहित जोखिम की जिम्मेदारी किसकी है? उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि फिनटेक का समर्थन हैं तो हमारे विश्वास से खिलवाड़ तो नहीं किया जाता। प्रधानमंत्री ने आज सुबह उल्लेख किया था कि डिजिटल विकास सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू उपभोकताओं का भरोसा है जिसे किसी भी सूरत में सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
