बीएस बातचीत
ब्याज दरों में अभी कुछ समय तक नरमी बनी रहेगी क्योंकि क्षमता उपयोगिता का स्तर कम है मगर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कॉर्पोरेट उधारी की मांग अगले 4 से 6 महीने में जोर पकड़ सकती है। अभिजित लेले और अनूप रॉय के साथ बातचीत में एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने यह राय रखी। देश का सबसे बड़ा बैंक 16 और 17 नवंबर को एसबीआई बैंकिंग और आर्थिक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जिसमें बिज़नेस स्टैंडर्ड विशिष्ट भागीदार है। खारा से बातचीत के प्रमुख अंश :
इस आयोजन से आपकी क्या आकांक्षा है और प्रतिभागी तथा श्रोता क्या उम्मीद कर सकते हैं?
यह उद्योग में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो हमारे लिए खास है। इसमें हम उन विषयों की पहचान करते हैं, जो आज देश के लिए प्रासंगिक हैं। और हमारा प्रयास ज्ञान निकाय बनाना है, जो देश की मौजूदा समस्याओं को दूर करने के लिए खाका पेश करेगा। इस साल का विषय है कोविड के बाद की दुनिया में आर्थिक सुधार। इस साल हमें वित्त मंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की उपस्थिति का भी लाभ मिलेगा, जिससे निश्चित तौर पर पूरी प्रक्रिया को और विश्वसनीयता मिलेगी।
आजकल सम्मेलन वर्चुअल हो रहे हैं लेकिन एसबीआई फिजिकल तरीके से कार्यक्रम आयोजित करेगा। ऐसा क्यों?
हमें स्वास्थ्य संबंधित आपात हालात का संज्ञान है मगर यह भी जानते हैं कि 111 करोड़ से अधिक आबादी का टीकाकरण हो चुका है। हम दर्शाना चाहते हैं कि देश में चीजें सामान्य हो रही हैं।
अर्थव्यवस्था को लेकर आपका क्या आकलन है और ऋण उठाव के लिए लचीलेपन का क्या मतलब है?
अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियों में स्पष्ट सुधार दिखा है। मासिक कार्गो परिवहन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार का राजस्व संग्रह, वस्तु एवं सेवा कर संग्रह अक्टूबर में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा। मॉनसून बेहतर रहा है और हमें रिकॉर्ड खरीफ उत्पादन होने की उम्मीद है। अगर हम इन संकेतों को पढ़ें तो कॉर्पोरेट चक्र में निश्चित तौर पर सुधार दिख रहा है। अक्टूबर में बैंक का उधारी-जमा अनुपान भी दो फीसदी सुधरा है।
ब्याज दरें अब बढ़ सकती हैं? क्या इससे एनपीए बढ़ सकता है क्योंकि बैंकोंं ने जमकर खुदरा ऋण बांटे हैं?
आवास ऋण के मामले में ब्याज दर का असर पड़ता है लेकिन दरों में इजाफा मामूली ही होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था में क्षमता उपयोगिता स्तर कम है। मेरे विचार से ब्याज दर अभी कुछ समय तक नरम ही रहेंगी।
पूंजीगत व्यय का नया चक्र शुरू होने के संकेत हैं, ऐसे में बैंक पिछली गलतियों से बचने के लिए क्या कर रहा है?
2008 से 2013 के बीच के हालात से सीख लेते हुए बैंकों ने अंडरराइटिंग कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाया है और उपयुक्त प्रावधान किया गया है। सभी बैंकों के लिए प्रोविजन कवरेज अनुपात कम से कम 70 फीसदी से अधिक होगा। ऋ णशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता, गारंटीकृत आपात उधारी सुविधा आदि से बैंकरों में भरोसा बढ़ा है।
बैंक वृद्घि के लिए खुदरा ऋण पर निर्भर हैं जबकि थोक ऋण की मांग नहीं बढ़ रही है, इस बारे में आप क्या कहेंगे?
रिटेल बैंकिंग के विस्तार की गुंजाइश है। लेकिन उपलब्ध सुरक्षा मार्जिन का भी ध्यान रखना होगा। साथ ही वसूली तंत्र का भी प्रभावी होना महत्त्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट ऋण क्षमता उपयोगिता पर निर्भर करता है। अक्टूबर में सीडी अनुपात स्थिर बना हुआ है और इससे कार्यशील पूंजी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। अगले 4 से 6 महीने में कॉर्पोरेट ऋण की मांग बढऩे की उम्मीद है।
किस क्षेत्र से उधारी मांग आ रही है?
जिंस क्षेत्र से ऋण की मांग दिख रही है। हमें वाहन, व्यावसायिक प्रॉपर्टी, लॉजिस्टिक्स, अभियांत्रिकी, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अवसर दिख रहे हैं। निर्यात में भी वृद्घि दिखी है और फार्मा क्षेत्र का भी प्रदर्शन बेहतर दिख रहा है। पर्सनल ऋण की मांग बनी हुई है। इसमें सालाना 16 फीसदी चक्रवृद्घि दर से इजाफा हुआ है। वृद्घि के लिए आवास ऋण क्षेत्र प्रमुख है।
बैड बैंक फंसे कर्ज का समाधान किस तरह से करेगा और क्या इससे बैंकों को लाभ होगा?
बैंकिंग तंत्र में 2.2 लाख करोड़ रुपये का एनसीए है। बैंक प्रस्तावित बैड बैंक को 70 परिसंपत्तियां हस्तातरित किए हैं। इससे बैंकिंग तंत्र में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा।
देश का सबसे बड़ा बैंक होने के नाते क्या आप फिनटेक फर्मों के उभार से चिंतित हैं?
हमारी डिजिटल रणनीति सही दिशा में है। हम 62 फीसदी बचत खाते योनो के जरिये खोल रहे हैं। हमारा डिजिटल लेनदेन 59 फीसदी से बढ़कर 77 फीसदी तक पहुंच गया है। हम योनो के जरिये खाता खोल रहे हैं, ऋण दे रहे हैं और इससे किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की समीक्षा भी कर सकते हैं। हम कृत्रिम बुद्घिमत्ता और मशीन लर्निंग का लाभ उठाने के लिए इस पर निवेश भी कर रहे हैं।
लेकिन बड़ी तकनीकी फर्मों के बैंकिंग क्षेत्र में आने से चिंता नहीं है?
परिस्थिति तंत्र में जो भी घटनाक्रम होते हैं हम उससे वाकिफ हैं और हम सभी तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
योनो को एसबीआई समूह से बाहर भी सेवाएं देने के लिए स्वतंत्र करने का समय आ गया है और क्या इसका मुद्रीकरण किया जाएगा?
आगे चलकर इस पर विचार किया जा सकता है। फिलहाल योनो हमारे कारोबार की लागत कम करने में मदद कर रहा है।
दूरसंचार पैकेज के बावजूद वोड-आइडिया जैसी कंपनियों पर दबाव है। क्या आप ऋण पुनर्गठन के लिए तैयार हैं?
सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा के बाद हम कंपनी की ओर से समग्र प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। भुगतान की बात है वह समय पर हो रहा है। अगला कदम कंपनी की योजना की समीक्षा के बाद उठाया जाएगा।
