पिछले हफ्ते बाजार सेंसेक्स करीब 9 फीसदी यानी 1603 अंकों की गिरावट लेकर बंद हुआ।
इंडेक्स ने पिछले हफ्ते की शुरुआत 351 अंकों के गिरावट के साथ शुरू की थी लेकिन पूरे हफ्ते इसे सुधरने का कोई मौका नहीं मिला और आखिर तक बाजार 16 हजार से भी नीचे आकर यानी 15975 अंकों के स्तर पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रहा मंदी का माहौल और खरीदारी का समर्थन नहीं होने से बाजार और फिसला है। पिछले हफ्ते फाइनेंस और पावर कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
इस दौरान रिलायंस एनर्जी 13 फीसदी गिर गया और आईसीआईसीआई बैंक 18 फीसदी गिरकर और बजाज ऑटो 17 फीसदी गिरकर बंद हुए। डीएलएफ और एलएंडटी भी 15-15 फीसदी गिरकर बंद हुए।
गिरने वाले दूसरे बडे शेयरों में एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक, बीएचईएल, भारती एयरटेल, रिलायंस और एनटीपीसी 8 से 13 फीसदी तक गिरकर बंद हुए। लेकिन मारुति अकेला ऐसा इंडेक्स शेयर था जो 8 फीसदी चढ़कर बंद हुआ।
सूचकांक ने 16000 से 19000 के बीच के कारोबारी स्तर को भी तोड़ा और नीचे जाकर बंद हुआ। फिलहाल बाजार में भारी मंदी की गुंजाइश दिख रही है और इंडेक्स जल्दी ही 15,300 के स्तर तक गिर सकता है। अगर बाजार ने 15,200 का स्तर तोड़ा तो फिर यह आने वाले समय में फिसलता हुआ 12,100 के स्तर पर पहुंच सकता है। ऐसे में इसका सपोर्ट लेवल 13,900 अंकों का होगा।
अगर बाजार में रैला आने की संभावनाओं की बात की जाए तो ऐसी किसी गुंजाइश को काफी अड़चनों का सामना करना होगा। सेंसेक्स को 17,300, 17,900, और 18,200 के स्तरों पर भारी रेसिस्टेंस का सामना करना होगा। बाजार को अब इस गिरावट को रोकने के लिए सेंसेक्स को 16,100 अंकों के स्तर पर रोकना होगा।
पिछले हफ्ते निफ्टी 4672 के स्तर तक चला गया था यानी हफ्ते में 551 अंकों की गिरावट लेकिन फिर हफ्ते के आखिर में कुल 8.7 फीसदी गिरकर कुल 452 अंकों की गिरावट लेकर बंद हुआ।
पिछले हफ्ते निफ्टी ने भी अपना 4760 अंकों का सपोर्ट स्तर तोड़ा है लेकिन बाद में यह सुधर कर बंद हुआ। निफ्टी अब एक बार फिर 4450 के निचले स्तर को छू सकता है और 4500 के स्तर पर इसे सपोर्ट मिल सकता है।
इस स्तर को तोड़ा तो निफ्टी 4100 के स्तर और फिर 3500 के स्तर तक भी जा सकता है।