क्रिप्टोकरेंसी की चाल पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि इन मुद्राओं पर प्रस्तावित प्रतिबंध उतना सरल नहीं होगा जितना समझा जा रहा है। मंगलवार को लोकसभा की तरफ से जारी एक बुलेटिन में केवल कुछ क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार की इजाजत दिए जाने का जिक्र है। विशेषज्ञों का कहना है कि संसदीय समिति ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। एक जिंस के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है मगर एक परिसंपत्ति के रूप में इसकी इजाजत दी जा सकती है। हालांकि इस कारोबार से जुड़े ज्यादातर लोग फिलहाल स्पष्ट रूप से कुछ कहने से बच रहे हैं। इस बीच, मंगलवार शाम क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध से जुड़ी खबरें आने के बाद ऐसी सभी मुद्राओं की कीमतें लुढ़क गईं और भारत में बढ़त के बजाय निचले स्तर पर इनका कारोबार शुरू हो गया।
निशीथ देसाई ऐसोसिएट्स में लीडर, ब्लॉकचेन ऐंड क्रिप्टोकरेंसी प्रैक्टिस, सुरिल देसाई ने कहा, ‘फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पर कोई बयान देना जल्दबाजी होगी। पिछले सप्ताह इस विषय पर संसद की स्थायी समिति की बैठक हुई थी और क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के प्रतिनिधियों से उनकी प्रतिक्रियाएं मांगी गई थीं। उनकी प्रतिक्रियाएं उपयुक्त विधेयक तैयार करने में इस समिति की मदद करेंगी।’
उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध जानकारी काफी कम है और इस वर्ष जनवरी में भी लगभग यही बातें कही गई थीं। देसाई ने कहा कि फिलहाल जो जानकारी उपलब्ध है वह हाल में सरकारी अधिकारियों के बयान से मेल नहींं खाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें संसद का सत्र शुरू होने तक इंतजार करना होगा।
क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध की खबरों के बाद अफरातफरी में बिक्री की वजह से वैश्विक कीमतों में गिरावट देखी गई लेकिन इस बीच भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमतें वैश्विक कीमतों के मुकाबले 5-8 फीसदी अधिक देखी गई। घोषणा के कुछ घंटों के बाद थोड़े वक्त के लिए क्रिप्टो का कारोबार, वैश्विक बाजार की कीमतों की तुलना में लगभग 15-20 फीसदी छूट पर की गई। हालांकि अब यह छूट कम होकर अब 8-10 प्रतिशत के करीब है। भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा, ‘अगर इसे संसद में पेश किया जाता है तो इस विधेयक पर चर्चा के साथ विचार-विमर्श भी होगा। क्रिप्टो विनियमन की प्रक्रिया जारी है और हमें कानून बनाने वाली संसद पर भरोसा करना ही होगा।’ उन्होंने कहा, ‘पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव, सुभाष गर्ग ने पहले भी कई बार कहा था कि क्रिप्टो के लिए ‘मुद्रा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होना चाहिए। क्रिप्टो को संपत्ति, यूटिलिटी या प्रतिभूति के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। एक उद्योग के रूप में, हमें इस तथ्य पर गौर करना ही होगा कि भारतीय रुपया भारत में एकमात्र कानूनी मुद्रा है और क्रिप्टो एक परिसंपत्ति/यूटिलिटी है जिसे लोग खरीदते और बेचते हैं।’
उद्योग के अधिकारी ने कहा कि संसद समिति के कई सदस्य जब पिछले सप्ताह के अंत में उद्योग के खिलाडिय़ों से मिले तब वे भारत के आधिकारिक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा को शुरू करने को लेकर बेहद उत्साहित थे। हालांकि, क्रिप्टो पर वे उद्योग से अधिक ब्योरा मांग रहे थे ताकि इसको लेकर ज्यादा समझ बढ़े।
क्रिप्टो एक्सचेंजों और ब्लॉकचेन के लिए रेटिंग एजेंसी क्रेबाको के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ सोगानी ने कहा, ‘लोकसभा बुलेटिन में प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। चूंकि भारत में सभी निजी मुद्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है इसलिए क्रिप्टो करेंसी पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
