बैंकों द्वारा लिए जाने वाले खुदरा कर्ज में होम लोन की हिस्सेदारी नवंबर में घटकर 47.2 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले 48.7 प्रतिशत थी। असुरक्षित ऋण की हिस्सेदारी बढ़ी है। साल 2021 में खुदरा ऋण में होम लोन की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ऊपर थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2021 से 2023 के बीच असुरक्षित ऋण (क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता वस्तुएं मिलाकर) की हिस्सेदारी 30.91 प्रतिशत से बढ़कर 33.83 प्रतिशत हो गई है।
नवंबर 2023 में बैंकों का असुरक्षित ऋण 15.35 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि में 12.47 लाख करोड़ रुपये था। 17 नवंबर 2023 को होम लोन 21.77 लाख करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले 18.94 लाख करोड़ रुपये था।
सालाना तुलना में एचडीएफसी और एचडीएफसी के विलय के असर को शामिल नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड सहित अन्य सेग्मेंट की तुलना में आवास ऋण की वृद्धि सुस्त रही है। इस वजह से आवास ऋण की प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी कम हुई है।
इक्रा में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट मनुश्री सागर ने कहा, ‘बैंकों के आवास ऋण में करीब 15 प्रतिशत वृद्धि जारी है। हालांकि कुछ क्षेत्र जैसे क्रेडिट कार्ड से प्राप्तियां, उपभोक्ता वस्तुओं पर ऋण, व्यक्तिगत ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और स्वर्ण ऋण में कही ज्यादा वृद्धि दर तय की गई है। इसके परिणामस्वरूप बैंकों के कुल व्यक्तिगत ऋण में आवास ऋण की हिस्सेदारी बढ़ी है।’