देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ने आज अपने ग्राहकों से कहा है कि वह तत्काल की नो युअर कस्टमर (केवाईसी) के मानकों को पूरा करें और अगर उन्होने ऐसा नहीं किया तो उनके खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे यानी उनमें लेनदेन रोक दिया जाएगा।
बैंक ने जारी अपनी नोटिस में कहा है कि बैंक के सभी खाताधारक जिन्होंने केवाईसी के मानकों को अभी तक पूरा नहीं किया है उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे अपनी शाखा (जहां खाता हो) में जाकर 31 अक्टूबर से पहले इसके लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर लें।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट 2002 के प्रावधानों और रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक सभी ग्राहकों के लिए केवाईसी के मानक पूरे करना अनिवार्य है।इसके लिए बैंकों को सलाह दी गई थी कि वो खाते खोलने के लिए ग्राहकों की पहचान के लिए के निश्चित प्रक्रिया अपनाएं ताकि उनके खातों के संदिग्ध लेनदेन पर नजर रखी जा सके, ऐसे लेनदेने जो रिजर्व बैंक की परिभाषा में संदिग्ध हों यानी जो एंटी मनी लॉन्डरिंग स्टैंडड्र्स और कम्बैटिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेरेरिज्म पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की सिफारिशों के अनुरूप हों।
नोटिस के मुताबिक इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर खातों को फ्रीज कर दिया जाएगा। स्टेट बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कई खाताधारकों ने अभी तक अपना स्थानीय पता और परिचय पत्र नहीं दिया है जो खाता खोले जाने से पहले दिया जाना चाहिए और जो केवाईसी नियमों का उल्लंघन है।
उन्होने कहा कि बैंक द्वारा ऐसे ग्राहकों से रजिस्टर्ड और सामान्य डाक के जरिए यह जानकारियां मांगे जाने के बावजूद उनकी ओर से इस बाबत कोई जवाब नहीं आया है और इससे लगता है कि वो ग्राहक अपना खाता बैंक में रखने में के इच्छुक नहीं हैं।
इन अधिकारी ने आगे बताया कि कि यह अंतिम नोटिस है और इसके बाद सीधे खातों को फ्रीज कर दिया जाएगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश की सबसे बड़ी बैंक है जिसकी देश भर में करीब 10,400 शाखाएं हैं और कुल 13 करोड़ ग्राहक हैं।