रेटिंग एजेंसी फिच ने आज कहा कि कोविड-19 संक्रमणों की दूसरी लहर से भारत की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार और उसके बैंकों के लिए जोखिम बढ़ गया है। फिच ने पहले ही 2021 में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए थोड़े से खराब परिस्थिति की आशंका जताई है। एजेंसी ने कहा कि लेकिन बढ़ते संक्रमणों और उसे रोकने के उपायों से कारोबार और आर्थिक गतिविधि और अधिक प्रभावित होंगी। फिच ने वित्त वर्ष 22 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्घि 12.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है लेकिन कोरोनावायरस के मामले बढऩे से इसको लेकर आशंका बढ़ गई है।