निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक ने छह महीने में सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट्स (सीडी) की रकम में भारी कटौती की है और यह मार्च 2021 के 5,985 करोड़ रुपये के मुकाबले सितंबर 2021 में 1,930 करोड़ रुपये रह गया।
हालांकि सीडी के जरिये जुटाई गई रकम सालाना आधार पर पांच फीसदी बढ़ी, जो सितंबर 2020 में 1,840 करोड़ रुपये रही थी। बैंंक ने बीएसई को दी सूचना में ये बातें कही है।
सीडी का मतलब मार्केट मनी इंस्ट्रूमेंट से है, जो बैंक सात दिन से लेकर एक साल तक के लिए जारी करता है। खुदरा ग्राहकों को सीडी जारी करने पर मनाही नहींं है लेकिन इसे ज्यादातर संस्थागत क्लाइंटों व निवेशकों को जारी किया जाता है।
संस्थागत रकम का एक अन्य जरिया इंटर-बैक डिपॉजिट है और यह भी सितंबर 2021 में घटकर 1,323 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च 2021 में 3,050 करोड़ रुपये और एक साल पहले 2,886 करोड़ रुपये रहा था।
केरल के इस बैंक की कम लागत वाली जमाएं (चालू खाता व बचत खाता) 18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 62,191 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। कुल जमाओं में चालू व बचत खाते की जमाओंं की हिस्सेदारी सितंबर 2021 में सुधरकर 36.16 फीसदी हो गई, जो मार्च 2021 में 33.81 फीसदी और एक साल पहले 33.68 फीसदी रही थी।
बैंंक की कुल जमाएं तिमाही में 10 फीसदी बढ़कर 1,71,995 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,56,747 करोड़ रुपये रही थी।
बैक की लोनबुक इस दौरान महज 1.8 फीसदी बढ़कर 1,37,309 करोड़ रुपये रही, जो मार्च 2021 में 1,34,877 करोड़ रुपये रही थी।
