facebookmetapixel
जेल में बंद JDU नेता अनंत सिंह मोकामा से 28,000 वोटों से जीते, RJD के वीणा देवी को हरायामहिला-EBC गठबंधन, विपक्षी एकता में कमी: बिहार चुनाव में NDA के शानदार प्रदर्शन के पीछे रहे ये पांच बड़े फैक्टरबिहार विधानसभा चुनाव 2025: यहां देखें विजेताओं की पूरी लिस्टदिल्ली के पॉश इलाकों में घर लेना और महंगा! इंडिपेंडेंट फ्लोर की कीमतों में जबरदस्त उछालBihar Assembly Elections 2025: नीतीश के पोस्टरों से पटा पटना, समर्थकों ने कहा-‘टाइगर जिंदा है’बिहार चुनाव में बड़ा झटका! प्रशांत किशोर की जन सुराज हर सीट पर पीछे- ECI रुझानों ने चौंकायाBihar Election Results: क्या NDA 2010 की ऐतिहासिक जीत को भी पीछे छोड़ने जा रही है?Bihar Election 2025: नतीजों पर सियासत गरमाई, जदयू ने कहा ‘नीतीश का करिश्मा’, विपक्ष बोला ‘निराशाजनक’19 साल की सत्ता का राज! हर चुनाव में क्या नई चाल चलते थे नीतीश कुमार?12 महीने में पैसा डबल! Q2 रिजल्ट के बाद कंज्यूमर स्टॉक पर ब्रोकरेज लट्टू, Q2 में 190% बढ़ा मुनाफा

जून के बाद संपत्ति की गुणवत्ता में नाटकीय सुधार

Last Updated- December 12, 2022 | 12:22 AM IST

बीएस बातचीत
दूसरी तिमाही की कमाई की घोषणा करने के बाद ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने सुब्रत पांडा और अभिजित लेले से जुलाई-सितंबर के दौरान कारोबार में वृद्धि व संपत्ति की गुणवत्ता के मसले पर बात की। उन्होंने श्रेय ग्रुप पर भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई की भी चर्चा की, जिसमें बैंक का पैसा लगा है। संपादित अंश…
कारोबार के हिसाब से दूसरी तिमाही कैसी रही?
थोक कारोबार के हिसाब से स्थिरता रही, जैसा कि अन्य उद्योगों में हुआ है। हालांकि वृद्धि हो रही है, लेकिन यह कीमत (अतिरिक्त नकदी की वजह से) के मामले में है, जिसका हमारे लिए कोई मतलब नहीं है। इस बीच हम बेहतरीन कारोबार वाली फाइनैंस बुक की कवायद कर रहे हैं। छोटे व मझोले उद्योग व खुदरा क्षेत्र में हम उद्योगों की तुलना में बेहतर कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं।
बड़े कॉर्पोरेट के मामले में हमने बड़ी राशि  (करीब 2 लाख करोड़ रुपये) की डिलिवरेजिंग देखी है। पूंजी चक्र निचले स्तर पर है। लोग बढ़े पूंजीगत व्यय की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसने आकार नहीं लिया है। हम उम्मीद करते हैं कि 12 से 18 महीने में पूंजीगत व्यय का चक्र वापस आएगा और उम्मीद है कि कर्ज की उठान बढ़ेगी। लेकिन हम सावधानी बरतेंगे।

क्या इस तिमाही में संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर किसी अचंभे की उम्मीद कर रहे हैं?
पहली तिमाही में महामारी की दूसरी लहर का अप्रत्याशित असर पड़ा। लेकिन जून के बाद नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में ज्यादातर कारोबारियों के कर्ज की गुणवत्ता में बेहतर सुधार होगा। हमने देखा है कि चूक कम हुई है, संग्रह सुधरा है और तमाम संपत्ति वर्ग अपने कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गया है। जहां तक एसएमई पोर्टफोलियो का सवाल है, ऐक्सिस बैंक आपातकालीन क्रेडिटलाइन गारंटी स्कीम पर बहुत निर्भर नहीं है। हमारे एसएमई पोर्टफोलियो में लगातार सुधार हो रहा है और हम बेहतर ग्राहक पा रहे हैं। बड़े कॉर्पोरेट क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है और हमें इस क्षेत्र में किसी अचंभे की उम्मीद नहीं है।

होम लोन पोर्टफोलियो में कर्जदाता प्राइस वार में जुटे हैं। आवास ऋण के मामले में ऐक्सिस बैंक की क्या रणनीति है?
यह त्योहारों के मौसम की धारणा है। इसके पहले सार्वजनिक बैंक व हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों में प्रतिस्पर्धा होती थी, लेकिन अब निजी क्षेत्र के बैंक भी आक्रामक रूप से सामने आए हैं क्योंकि उनके पास नकदी ज्यादा है और कॉर्पोरेट क्षेत्र में कर्ज की मांग कम है। हमने पहले भी इस तरह की प्रतिस्पर्धा का सामना किया है और इस प्रतिस्पर्धा का भी सामना करेंगे। हमारे लिए ग्राहक अहम है और उसे आसानी से जाने नहीं देंगे। हमारा आवास ऋण क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

श्रेय पर कार्रवाई का आप जैसे बैंकों के लिए क्या अर्थ है, जिन्होंने उस समूह को कर्ज दिया है?
हमारा इस समूह में एक्सपोजर है, लेकिन समय के साथ हमने इसे प्रबंधन कर सकने वाले स्तर तक घटाया है। रिजर्व बैंक की कार्रवाई का असर वित्तीय व्यवस्था पर नहीं पड़ेगा क्योंकि एक्सपोजर बहुत ज्यादा नहीं है और यह अप्रत्याशित घटना नहीं है क्योंकि कर्जदाता  प्रावधान रखते हैं।

क्या डीएचएफएल के समाधान से कर्जदाताओं को विश्वास हुआ है कि श्रेयी का समाधान दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता से हो सकेगा?
डीएचएफएल के मामले में एक फायदा रहा है कि उसका खुदरा कर्ज शानदार था और यही वजह है कि बोली लगाने वाले सामने आए। लेकिन इस कंपनी (श्रेयी) के मामले में थोक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी और उपकरण फाइनैंसिंग ज्यादा है। लेकिन हमारा मानना है कि पर्याप्त संपत्तियों पर कर्ज दिया गया है और अधिकतम रिकवरी संभव है। लेकिन इसके लिए वक्त और धैर्य की जरूरत है।

आपके मुताबिक रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति कब सामान्य करना शुरू करेगा?
रिजर्व बैंक ने बहुत ज्यादा नकदी डालने की स्थिति को धीरे धीरे सामान्य करना शुरू कर दिया है। वह बाजार को चकित करना नहीं चाहता और ऐसा लगता है कि अक्टूबर की नीति में रिवर्स रीपो में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।

क्रेडिट कार्ड के क्षेत्र में आपकी क्या योजना है?
हम इस सेग्मेंट में चौथे स्थान पर हैं। हमारे ऊपर संपत्ति की गुणवत्ता का कुछ दबाव कोविड की पहली लहर के दौरान था, लेकिन अब वह पीछे छूट चुका है। जहां तक दूसरी तिमाही का संबंध है, हम नए कार्ड, प्रचलन में कार्ड और खर्च के मामले में सकारात्मक स्थिति देख रहे हैं।

भारत बैंक को लेकर आपकी क्या रणनीति है?
बैंक के लिए यह अहम पहल है और हमने इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

First Published - October 10, 2021 | 11:46 PM IST

संबंधित पोस्ट