facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

एनपीए की चिंता से बैंकों के पसीने छूटे

Last Updated- December 09, 2022 | 11:26 PM IST

गैर-निष्पादित धन के निपटारे की समस्या बैंकों के लिए नासूर बनती जा रही है। इस संबंध में बैंकों ने अपनी चिंताओं से भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव को अवगत करा दिया है।


साथ ही बैंकों ने इस बात की भी संभावना जताई है कि कंपनियां अपने आय में हो रही कमी को देखते हुए अपने फंडों का निवेश एक परियोजना से हटाकर दूसरी परियोजना में कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर तिमाही केदौरान कंपनियों के शुध्द मुनाफे में आई कमी से बैंकों के लिए एनपीए की समस्या और गहराती जा रही है।

इस बाबत एक सरकारी बैंक के प्रमुख ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आर्थिक हालात में सुधार के अभी तक कोई संकेत नहीं मिले हैं और जैसा कि पहले आशा की जा रही थी कि मंदी कुछ समय के लिए हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं है।

उन्होंने कहा कि हालात के एक बार फिर से पटरी पर आने में अभी खासा समय लग सकता है। आरबीआई ने वर्ष 2008-09 के लिए विकास के अनुमानित लक्ष्य को कम कर दिया है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इसके 7.5-8 फीसदी से घटकर 7 फीसदी रहने की बात कही गई है।

औद्योगिक गतिविधियों में कमी और बाहरी मांगों में गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार के कम होने के खतरे को और ज्यादा बढा दिया है।

First Published - January 29, 2009 | 9:02 PM IST

संबंधित पोस्ट