एक दिवालिया मोटरवाहन उपकरण विनिर्माण कंपनी के खिलाफ कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में धन शोधन निरोधक कानून के तहत फार्म हाउस, राज्यों में सैकड़ों एकड़ कृषि और औद्योगिक भूमि तथा 5,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर और डिबेंचर जब्त किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह कार्रवाई संघीय एजेंसी द्वारा जुलाई में एमटेक समूह के प्रवर्तकों अरविंद धाम को गिरफ्तार किए जाने के बाद की गई है। कंपनी दिवाला प्रक्रिया के दौर से गुजर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई की प्राथमिकी और मामले की जांच के लिए फरवरी में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश का संज्ञान लेते हुए कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
ईडी ने एक बयान में कहा कि आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आरोपियों के खिलाफ बैंक ऋणों को “अवैध रूप से दूसरे मद में खर्च” करने और इन ऋणदाताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक धोखाधड़ी का अनुमान लगभग 27,000 करोड़ रुपये है।
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उसने दावा किया कि समूह की एमटेक ऑटो लिमिटेड, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड जैसी कंपनियों के साथ-साथ अन्य कंपनियां दिवालियापन प्रक्रिया में गयीं, जिसके समाधान के कारण बैंकों को 80 प्रतिशत से अधिक की “भारी कटौती” का सामना करना पड़ा, जिससे इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को “काफी” नुकसान हुआ।
ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि समूह की कंपनियों के वित्तीय विवरणों में “धोखे से हेरफेर” किया गया था ताकि अतिरिक्त फर्जीवाड़ा कर ऋण प्राप्त किया जा सके और खातों में फर्जी संपत्तियां और निवेश दिखाए जा सकें।