facebookmetapixel
उत्तर प्रदेश में 34,000 करोड़ रुपये के रक्षा और एयरोस्पेस निवेश दर्जकेंद्र ने संसदीय समितियों का कार्यकाल दो साल करने का दिया संकेतशैलेश चंद्रा होंगे टाटा मोटर्स के नए एमडी-सीईओ, अक्टूबर 2025 से संभालेंगे कमानदिल्ली बीजेपी का नया कार्यालय तैयार, PM Modi आज करेंगे उद्घाटन; जानें 5 मंजिला बिल्डिंग की खास बातेंAtlanta Electricals IPO की बाजार में मजबूत एंट्री, ₹858 पर लिस्ट हुए शेयर; हर लॉट ₹1983 का मुनाफाJinkushal Industries IPO GMP: ग्रे मार्केट दे रहा लिस्टिंग गेन का इशारा, अप्लाई करने का आखिरी मौका; दांव लगाएं या नहीं ?RBI MPC बैठक आज से, दिवाली से पहले मिलेगा सस्ते कर्ज का तोहफा या करना होगा इंतजार?NSE Holidays 2025: अक्टूबर में 3 दिन बंद रहेंगे बाजार, 2 अक्टूबर को ट्रेडिंग होगी या नहीं? चेक करें डीटेलनए ​शिखर पर सोना-चांदी; MCX पर गोल्ड ₹1.14 लाख के पारअब QR स्कैन कर EMI में चुका सकेंगे अपने UPI पेमेंट्स, NPCI की नई योजना

Bancassurance: बैंकों पर घटेगी बीमा फर्मों की निर्भरता!

बैंकों के जरिये बीमा बिक्री पर अत्यधिक निर्भरता को नियंत्रित करने और वितरण चैनलों को विविध बनाने की तैयारी

Last Updated- December 12, 2024 | 10:19 PM IST
Insurance

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण जीवन बीमा कंपनियों की प्रवर्तक बैंकों के माध्यम से बीमा उत्पादों की बिक्री पर अत्यधिक निर्भरता कम करने के लिए नियम ला सकता है। घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बीमा नियामक समूचे उद्योग में संतुलित वृद्धि के लिए जीवन बीमा उत्पादों के लिए विविध वितरण चैनलों को बढ़ावा देने की भी योजना बना रहा है। सूत्रों ने कहा कि हालांकि कंपनियां कुछ ऐसे वितरण माध्यम पर अपनी निर्भरता बनाए रख सकती हैं जहां से उन्हें ज्यादा कारोबार मिलता है।

सूत्रों ने कहा कि अगर बीमा कंपनियों की ताकत प्रवर्तक बैंक है तो उन्हें उसका उपयोग करना चाहिए। मगर कंपनियों को लंबे समय तक इस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। नियामक संदेश भेज रहा है और नियम बनाने से पहले हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए मसौदा जारी करेगा।

बैंकएश्योरेंस बैंकों और बीमा कंपनियों के बीच बैंक शाखाओं के जरिये बीमा उत्पादों को बेचने के लिए एक तरह की साझेदारी है। बीमा उत्पादों की गलत तरीके से बिक्री करने या बैंकों द्वारा पॉलिसी लेने का दबाव बनाने की शिकायत को देखते हुए अक्टूबर 2023 में बीमा नियामक ने मौजूदा बैंकएश्योरेंस ढांचे की समीक्षा करने और इसकी दक्षता में सुधार के लिए कार्यबल गठित किया था।

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के चेयरमैन देवाशिष पांडा ने बैंकों के जरिये बीमा उत्पादों की गलत तरीके से बिक्री करने या बीमा उत्पाद खरीदने के लिए ग्राहकों पर दबाव डालने पर चिंता जताई थी। उन्होंने ऋणदाताओं से अपनी कोर बैंकिंग सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए सिस्टम में ग्राहकों का विश्वास बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया था।

सीतारमण ने कहा था, ‘इस पर बैंकों के बोर्डों को विचार करना चाहिए। बैंकों द्वारा बीमा उत्पादों की बिक्री से भ्रामक बिक्री की घटनाओं की चिंता को बढ़ा दिया है। इससे परोक्ष रूप से ग्राहकों के लिए कर्ज की लागत बढ़ गई है। इसलिए बैंकों को इस पर विचार करना होगा और उन्हें कोर बैंकिंग पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और ग्राहकों को अनावश्यक बीमा का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।’

हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि बीमा नियामक बैंकएश्योरेंस चैनल के जरिये बीमा कारोबार की बढ़ती हिस्सेदारी को लेकर चिंतित है और वह इस माध्यम से बीमा उत्पादों की बिक्री की हिस्सेदारी 50 फीसदी तक सीमित कर सकता है। हालांकि बड़ी सूचीबद्ध निजी जीवन बीमा कंपनियों ने इस तरह की किसी भी चर्चा से इनकार किया है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया, ‘बीमा नियामक के साथ हमारी नियमित चर्चा और परामर्श होती है। मगर हमें बैंक एश्योरेंस के जरिये बीमा कारोबार को एक स्तर तक सीमित करने के निए नियम बनाने की चर्चा के बारे में जानकारी नहीं है।’ एचडीएफसी लाइफ ने भी कहा, ‘हमारा मानना है कि नियम में इस तरह का महत्त्वपूर्ण बदलाव से पहले आम तौर पर उद्योग से विस्तृत परामर्श किया जाता है।’

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारतीय स्टेट बैंक की सहायक बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ का 60 फीसदी कारोबार बैंकएश्योरेंस के जरिये आया है। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक की इकाई आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस को इस माध्यम से 29 फीसदी और एचडीएफसी लाइफ का 65 फीसदी कारोबार बैंकएश्योरेंस के माध्यम से आया है। दूसरी ओर भारतीय जीवन बीमा निगत के कुल कारोबार में बैंकएश्योरेंस की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी रही।

First Published - December 12, 2024 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट