भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि कंपनियों को बैंकों द्वारा दिए गए ऋण मानकों के मुताबिक हैं और उसके आकलन के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र मजबूत बना हुआ है।
अदाणी समूह के शेयरों की पिटाई और कर्जदाताओं की वित्तीय सेहत को लेकर बढ़ती चिंता के बीच रिजर्व बैंक का यह बयान आया है।
बहरहाल बैंकिंग नियामक के बयान में अदाणी समूह का जिक्र नहीं किया गया है। अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह ने 9.1 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजी गंवाई है।
पिछले सप्ताह हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने शेयरों में हेरफेर और लेखांकन में धोखाधड़ी की है।
संकट में फंसे दिग्गज समूह पर बैंकों का 80,000 करोड़ रुपये कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज भारतीय स्टेट बैंक ने दिया है।
बुधवार को नियामक ने बैंकों से कहा था कि अदाणी समूह पर बकाये की सूचना और उन्हें जारी राशि के बारे में जानकारी मुहैया कराएं।
रिजर्व बैंक के बयान में कहा गया है, ‘रिजर्व बैंक के मौजूदा आकलन के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र अभी भी मजबूत और स्थिर बना हुआ है। पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, नकदी की स्थिति, प्रॉविजन कवरेज और मुनाफे की स्थिति से संबंधी विभिन्न मानक बेहतर हैं। बैंकों ने रिजर्व बैंक द्वारा जारी लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) दिशानिर्देशों का भी अनुपाल किया है।’
नियामक ने कहा कि वह बैंकिंग सेक्टर और अलग अलग बैंकों की लगातार निगरानी करता है, जिससे वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
रिजर्व बैंक के मुताबिक सेंट्रल रिपॉजिटरी आफ इन्फॉर्मेशन आन लार्ज क्रेडिट (सीआरआईएलसी) डेटाबेस सिस्टम में बैंक अपने 5 करोड़ रुपये और इससे ऊपर के कर्ज के बारे में सूचना देते हैं और यह निगरानी के मकसद से किया जाता है। इसमें कहा गया है, ‘रिजर्व बैंक सतर्क है और भारतीय बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता की लगातार निगरानी जारी रखे हुए है।’
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने अदाणी समूह को 27,000 करोड़ रुपये कर्ज दिया है, जो बैंक द्वारा दिए गए कुल कर्ज का 0.88 प्रतिशत है, जो करीब 31 लाख करोड़ रुपये है।
खारा ने अक्टूबर-दिसंबर के नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कर्ज संपत्ति और नकदी प्रवाह द्वारा समर्थित है और बैंक ने शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया है। खारा ने कहा, ‘इसमें लेटर्स ऑफ क्रेडिट, प्रदर्शन के लिए दी गई बैंक गारंटी और 285 करोड़ रुपये का लघु निवेश शामिल है।’
खारा ने कहा, ‘कर्ज चुकाने को लेकर हमने उनकी क्षमता के संदर्भ में किसी तरह की चुनौती की परिकल्पना नहीं की है। जहां तक शेयरों के बाजार मूल्य की बात है, यह मार्जिन अवधि प्रभावित नहीं करेगा और न उन ऋणों को प्रभावित करेगा, जो उन्होंने स्टेट बैंक से लिए हैं।’ खारा ने कहा कि इस समूह का इसके पहले कर्ज के चुकाने का शानदार रिकॉर्ड रहा है।
एक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक आफ बड़ौदा के एमडी और सीईओ संजीव चड्ढा ने कहा कि कंपनी को करीब 5,500 करोड़ रुपये कर्ज दिया था। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक ने कहा है कि अदाणी समूह पर उसका बकाया 7,000 करोड़ रुपये है।