दुनिया के सबसे बड़े बीमाकर्ता अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप (एआईजी) को लीमन की राह पर जाने से बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ हो गया है।
इस कड़ी में अमेरिकी फेडरल रिजर्व बोर्ड ने उसके लिए 85 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी दे दी है। हालांकि इससे दो दिन पहले ही अमेरिकी अधिकारियों ने लीमन की इसी तरह की पेशकश को अस्वीकार कर दिया था।
नतीजतन उसे दिवालिया होने के लिए याचिका दायर करनी पड़ी थी। एआईजी को दो साल के लिए यह कर्ज अपनी 79.9 फीसदी इक्विटी के एवज में मिलेगा। इसके लिए एआईजी को तीन माह वाले लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट यानी लाइबर से 8.5 फीसदी ज्यादा ब्याज देना होगा यानी उसे कुल 11.5 फीसदी की दर से यह कर्ज मिलेगा।
हालांकि इसके बाद भी यह एआईजी के लिए यह बड़ी राहत की बात है। इससे वह अपनी परिसंपत्तियों की व्यापक बिक्री के जरिए जल्द जल्द से कर्ज लौटा सकेगा। लुमिज सेल्स एंड कंपनी के बांड मैनेजर डेनियल फुज ने फेडरल बोर्ड के इस निर्णय को वित्तीय बाजार के लिए बड़ी राहत की बात बताई है।
वॉल स्ट्रीट जनरल को आज दूसरी अच्छी खबर बार्क्ले से मिली जो लीमन के कई हिस्सों को 17.5 अरब डॉलर में खरीदने को राजी हो गया है। उन्होंने कहा, एआईजी अपने साथ दुनियाभर में कई लोगों को और कंपनियों को ले डूबता। यह वित्तीय बाजार के लिए बड़ी राहत की बात है।
एआईजी को यह पैकेज मिलने की खबर का शेयर बाजार पर अच्छा असर पड़ा और यह तेजी से आगे बढ़ा। डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती आई। इससे पहले लीमन की ओर से दिवालिया होने की याचिका दायर करने और एआईजी के खस्ताहाल होने की खबरों से अमेरिकी शेयर बाजार में सात साल बाद किसी एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट आई।
दो अन्य बड़े अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली की हालत में भी उम्मीद के विपरीत सुधार हुआ है। एआईजी को 85 अरब डॉलर का कर्ज दिए जाने के बाद से अब तक अमेरिकी सरकार अपने वित्तीय बाजार और हाउसिंग बाजार को स्थिर करने के लिए 700 अरब डॉलर बाजार में पंप कर चुका है।
सरकार को इस धन में से अधिकांश वापस मिलने की उम्मीद है क्योंकि इससे कीमतों में गिरावट का सिलसिला थमा है। फेडरल रिजर्व की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में एआईजी के दिवालिया होने से पहले से ही खस्ताहाल वित्तीय बाजार बुरी तरह से चरमरा जाता और कर्ज की लागत काफी ऊपर चली जाती।
एआईजी को बचाया पर लीमन को क्यों नहीं: अमेरिकी फेडरल के अनुसार लीमन की तरह एआईजी को अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता था। एआईजी को उबारने के लिए हुई बैठक में फेड चेयरमैन बेन बेरनांके, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव हेनरी पॉल्सन और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के चेयरमैन क्रिस्टोफोर कॉक्स शामिल थे। एआईजी के बोर्ड में भी व्यापक फेरबदल किया गया है।