गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) आदित्य बिड़ला फाइनैंस सर्विसेज (ABFL) का विलय उसकी मूल कंपनी आदित्य बिड़ला कैपिटल (ABCL) में किया जाएगा, जिससे एक बड़ी एकीकृत NBFC बन सके। इससे कुल पूंजी पर्याप्तता करीब 150 आधार अंक बढ़ जाएगी और प्रोफार्मा के आधार पर एकीकृत इकाई के लिए बाह्य देनदारी का स्तर घटकर करीब 4.15 फीसद तक रह जाएगा।
प्रस्तावित विलय भारतीय रिजर्व बैंक के आकार पर आधारित नियमन के अनुपालन के मकसद से किया जा रहा है। एबीसीएल ने एक बयान में आज कहा कि इसके तहत 30 सितंबर 2025 तक आदित्य बिड़ला फाइनैंस की सूचीबद्धता अनिवार्य है। यह विलय आवश्यक नियामकीय व अन्य मंजूरियों के बाद होगा।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि वित्तीय सेवा का कारोबार बढ़ा है और यह आदित्य बिड़ला समूह की वृद्धि का इंजन बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विलय आदित्य बिड़ला कैपिटल का कारोबार बढ़ाने के लिए एक मजबूत पूंजी आधार तैयार करेगा और यह भारत की वृद्धि में भागीदार बनेगा।
यह दूसरा मौका है, जब एनबीएफसी क्षेत्र में इस तरह का विलय हो रहा है। इसके पहले टाटा कैपिटल फाइनैंशियल सर्विसेज का विलय उसकी मूल कंपनी टाटा कैपिटल में 1 जनवरी 2024 से कर दिया गया था। टाटा कैपिटल होल्डिंग कंपनी है, जिसे अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना है।
बिड़ला में इस विलय के बाद विशाखा मुलये प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) और राकेश सिंह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ (NBFC) का कार्यभाल संभालेंगे। इस समय मुलये एबीसीएल की सीईओ और राकेश सिंह आदित्य बिड़ला फाइनैंस के एमडी और सीईओ हैं।
एबीसीएल ने जब 3,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी तो इसकी मुख्य कार्याधिकारी विशाखा मुलये ने एक एनॉलिस्ट कॉल में कहा था कि यह 18 से 24 महीनों के लिए पर्याप्त होगा। इसलिए ऐसा लगता है कि कंपनी दिसंबर 2024 या ज्यादा से ज्यादा 2025 तक पैसा जुटाने के लिए बाजार में आएगी।
कंपनी ने कहा है कि इस विलय से हिस्सेदारों के मूल्य में वृद्धि, युक्तिसंगत बनने और समूह के ढांचे के सरल होने, वित्तीय स्थिरता में सुधार और परिचालन कुशलता में वृद्धि की उम्मीद है।
31 दिसंबर, 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक आदित्य बिड़ला कैपिटल के प्रबंधन के तहत संपत्ति करीब 4.1 लाख करोड़ रुपये है। इसके द्वारा दिया गया कुल कर्ज 1.15 लाख करोड़ रुपये, जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सकल प्रीमियम 13,500 करोड़ रुपये है। अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान (वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती 9 महीनों में) इसका समेकित राजस्व 26,791 करोड़ रुपये और कर के बाद मुनाफा 2,090 करोड़ रुपये रहा है।
31 दिसंबर, 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी की देश भर में सभी कारोबार में 1,462 शाखाएं हैं।