Rajasthan Assembly election 2023 result: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को एक ही चरण में हुए थे। राजस्थान में 5 करोड़ 26 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 74.13 प्रतिशत ने राज्य में 1,875 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए मतदान किया।
राजस्थान चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का दबदबा रहा है, 1993 से दोनों पार्टियां बारी-बारी से सरकारें बनाती रही हैं।
2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने बहुमत से एक कम यानी 100 सीटें हासिल कीं और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाई। बीजेपी ने 70 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव से काफी कम है, जहां उसने 163 सीटें जीती थीं।
2018 के विधानसभा चुनावों के बाद, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया। 2023 के चुनावों के लिए, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कहा है कि उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के साथ राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे रविवार, 3 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद घोषित किए जाएंगे।
राजस्थान चुनाव के लिए वोटों की गिनती संभवत: रविवार, 3 दिसंबर को सुबह 8 बजे शुरू होगी। वोटों की गिनती खत्म होने के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे।
वोटों की गिनती के लाइव नतीजे चुनाव आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं। आप बिजनेस स्टैंडर्ड के लाइव ब्लॉग पर भी चुनाव परिणाम के लाइव अपडेट देख सकते हैं।
मतदाताओं का एक विशिष्ट समूह जिन्हें डाक के माध्यम से अपना वोट डालने की अनुमति है। इस सुविधा के माध्यम से, मतदाता दूर से ही मतपत्र पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चयन करके और वोटों की गिनती से पहले इसे चुनाव अधिकारी को वापस भेजकर अपना वोट डाल सकते हैं।
आवश्यक सेवाओं में कार्यरत मतदाता और अपने रिमोट लोकेशन के कारण अपना वोट डालने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालने का अधिकार है, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल निगम, अन्य राष्ट्रीय रेलवे एजेंसियों और मीडिया कर्मियों के अधिकारी शामिल हैं जिन्हें “अनुपस्थित” मतदाताओं के रूप में अधिसूचित किया जा सकता है।
सशस्त्र बलों के सदस्य और अपने राज्य के बाहर तैनात सरकारी कर्मचारी भी डाक के माध्यम से अपना वोट डाल सकते हैं। भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सदन के अध्यक्ष और चुनाव ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारी, जिन्हें “विशेष मतदाता” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, वे भी डाक द्वारा मतदान करना चुन सकते हैं।
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, प्रवीण गुप्ता के अनुसार, राजस्थान में 3,00,000 से अधिक मतदाताओं ने डाक मतपत्र डालने के अपने अधिकार का प्रयोग किया।
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। 59 सीटें आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें से 34 अनुसूचित जाति (SC) उम्मीदवारों के लिए और 25 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) उम्मीदवारों के लिए हैं। हालांकि इस बार चुनाव 199 सीटों पर हुआ है। करणपुर विधानसभा में प्रत्याशी की मौत के बाद वहां चुनाव रद्द कर दिया गया है।
राजस्थान में बहुमत पाने और सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 199 में से 100 सीटें हासिल करनी होंगी।
कुछ एग्जिट पोल कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का संकेत देते हैं, मगर वे सभी चुनाव में भाजपा के पक्ष में हैं। अगर राजस्थान में भाजपा की सरकार बनती है तो राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा एक बार भी से देखने को मिलेगी।