मिजोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने मीदुम-होर्तोकी सड़क परियोजना के लिए आवंटित 178 करोड़ रुपये का गलत इस्तेमाल किया। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रदान किया गया यह पैसा सड़क विकास के लिए लोन था। ईस्टमोजो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें से 44 करोड़ रुपये पहले चरण के लिए और 133 करोड़ रुपये परियोजना के दूसरे चरण के लिए थे।
कांग्रेस विजिलेंस सेल ने पैसे के संदिग्ध दुरुपयोग के संबंध में मिजोरम लोक आयुक्त के साथ FIR दर्ज की। उन्होंने सड़क खुदाई के लिए निर्धारित धनराशि के अनुचित उपयोग पर भी सवाल उठाया। परियोजना के प्रारंभिक चरण का कॉन्ट्रैक्ट एडेन्थर के आरवी ह्लुना को दिया गया था, जबकि दूसरे चरण का काम ज़ोरमछाना को सौंपा गया था।
RTI दस्तावेजों से पता चलता है कि सड़क खुदाई परियोजना स्पष्ट रूप से नीचे की मिट्टी का अध्ययन करने और बेहतर परिवहन की आवश्यकता का आकलन करने के लिए की गई थी, जैसा कि तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने अनुरोध किया था। हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि ओएनजीसी ने 7 अक्टूबर, 2015 को मीदुम-हार्टावकी में अपने तेल और गैस की खोज बंद कर दी थी।
ओएनजीसी के उपकरण को फिर श्रीकोना, सिलचर में ले जाया गया था। यह भूविज्ञान और खनन निदेशालय की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट, अध्याय डी-(2) की जानकारी के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि ओएनजीसी अब मिजोरम सरकार को पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस फीस का भुगतान नहीं करती है।
कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस परियोजना पर अनावश्यक खर्च इस बात को लेकर चिंता पैदा करता है कि राज्य सरकार चीजों का प्रबंधन कैसे कर रही है। राज्य में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं।